बीएसएम पीजी कॉलेज में छात्र-छात्राओं को नशे के प्रति जागरूक कर इससे होने वाली गंभीर बीमारियों से कराया अवगत
इमरान देशभक्त/सपना चौहान
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(इमरान देशभक्त/सपना चौहान) रुड़की। बीएसएम पीजी कॉलेज, रुड़की के महाविद्यालय में एंटी ड्रग सेल समिति के द्वारा एक “मोटिवेशनल प्रोग्राम” आयोजित किया गया। जिसमें महाविद्यालय की अंग्रेजी विभाग की प्रोफेसर अर्चना त्यागी ने छात्र-छात्राओं को नशे से दूर रहने व नशा न करने के लिए जागरूक किया। उन्होंने कहा कि नशे की प्रवृत्ति जानलेवा होती है, इससे गंभीर बीमारियां होती हैं इसके बावजूद नशाखोरी के आंकड़े घटने की बजाय बढ़ते ही जा रहे हैं। ऐसा भी नहीं है कि धूम्रपान एवं आम नागरिकों को जागरूक करने के प्रयास नहीं किये जा रहे हों, फिर भी विद्यार्थियों में नशे की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। यह बहुत ही दुखद है कि इतनी जागरुकता के बावजूद भी इससे विद्यार्थी सबक नहीं ले रहे हैं। विद्यार्थियों में नशे का आकर्षण और उसकी सामाजिक स्वीकार्यता अभी कुछ दशकों में तेजी से बढ़ी है। डॉ० अर्चना त्यागी ने कहा कि विभिन्न रूपों में नशे की प्रवृत्ति में लिप्त विद्यार्थी नशे को प्राप्त करने के लिए किसी भी हद तक पहुंचते हैं, इससे सामाजिक पारिवारिक समस्याओं के साथ-साथ चोरी, अपराध, व्यभिचार की समस्याएं सामने आती हैं। विद्यालयों में अध्यनरत विद्यार्थियों में शराब, गुटका पान मसाला, धूम्रपान की लत बढ़ने लगी है। आजकल के युवाओं को नशे करने के बहुत सारे कारण मौजूद हैं, जैसे कि नशे को फैशन समझना, तनाव को कम करने का माध्यम बनाना, गलत संगत में फंसना, संस्कारों की कमी, नशीली पदार्थ का अत्यधिक प्रचार और प्रसार इत्यादि। उन्होंने बताया कि लोगों को नशे की लत से उभरने में आध्यात्मिकता बहुत बड़ी भूमिका निभा सकती है, इसके साथ ही छात्र-छात्राएं अपनी रुचि या शौक को जैसे खेल, मनोरंजन, कला, संगीत आदि को विकसित करें। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर डॉक्टर गौतम वीर ने संदेश दिया कि नशा उस दीमक की तरह है जो हमारी संस्कृति और सामाजिक व्यवस्था को दिन प्रतिदिन खोखला कर रहा है। उन्होंने बताया कि मद्यपान व्यक्ति व समाज के लिए ही नहीं, बल्कि देश के लिए भी हानिकारक है। मद्यपान में तंबाकू सेवन से तरह-तरह की बीमारियां लोगों को अपनी गिरफ्त में ले लेती है और ऐसे लोगों का भविष्य ही नहीं बल्कि जीवन भी बर्बाद होने लग जाता है। उन्होंने कहा कि मद्यपान के विरुद्ध संदेश देने का लक्ष्य अपनायें और लोगों को इस संदेश से जरूर अवगत करायें। घर व समाज के लोगों को मद्यपान की बुराइयों से अवगत कराते हुए इसके परित्याग् के लिए प्रेरित करें। उन्होंने नशा मुक्त उत्तराखंड बनाने की अपील उपस्थित लोगों व बच्चों से की। उन्होंने कहा कि मद्यपान समाज के लिए हानिकारक है साथ ही गुटखा सेवन माउथ कैंसर को आमंत्रण देता है। लोगों को शराब व तांबाकु निर्मित पदार्थ से परहेज करना चाहिए तथा इसके दुष्परिणामों से आस-पड़ोस के लोगों को भी अवगत कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिकतर घरेलू हिंसा व अपराध मद्यपान की ही देन है। उन्होंने बच्चों से इस कुरीति से बचते हुए नशामुक्त समाज बनाने की अपील की। उन्होंने युवाओं को कहा छोड़ दो अब तंबाकू और शराब, अब ना करो जीवन को खराब। महाविद्यालय के निदेशक एडवोकेट पंडित रजनीश शर्मा ने छात्र-छात्राओं को संदेश दिया कि नशा किसी एक व्यक्ति, समाज अथवा राष्ट्र विशेष के लिए ही नहीं बल्कि पूरी मानव सभ्यता के लिए ही खतरा है। अगर हमने अभी युद्ध स्तर पर प्रयास नहीं किया तो यह देश के लिए बहुत ही घातक सिद्ध होगा,इसलिए मिलकर इस दिशा में प्रयास करें एवं एक नशामुक्त देश बनाने में अपना योगदान दें। नशे की आदत छोड़ें और खुद को नया जीवन दे। निदेशक पंडित रजनीश शर्मा ने इस अवसर पर एन्टी ड्रग सेल के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि नशा मुक्ति अभियान के साथ साथ देश के सबसे बड़े चुनाव पर्व के अवसर पर युवाओं और बुजुर्गों में मतदान के लिए भी जागरूकता सन्देश घर घर तक पहुँचना भी देश सेवा के समान है। एडवोकेट शर्मा ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के कर्मठ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भी सपना है कि उत्तराखंड देश का सर्व विकसित और नशामुक्त प्रदेश बनके एक आदर्श देवभूमि के रूप में अपनी पहचान बनाए। एंटी ड्रग सेल की नोडल अधिकारी डॉक्टर अलका तोमर ने भी अपने विचारों से महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को मोटिवेट किया और कहा की वह उम्र जिसमें युवा अपने कैरीयर पर फोकस करते हैं, स्कूल कॉलेज की पढ़ाई करते हैं, उस उम्र में वे आज नशे की आदत का शिकार हो रहे हैं। युवा नशे की लत में आसानी से फंस जाते हैं। कई बार तो नशे की लत उन्हें अपराध की दुनिया में धकेल देती है। नशे की लत के कारण भूख एवं वजन, चिड़चिड़ापन, नींद आना जैसे लक्षण नजर आते हैं। नशा के जाल में फंसे लोग आर्थिक परेशानी के साथ अपने रिश्तेदारों परिवार से भी दूर हो जाते हैं, अतः उन्होंने युवाओं को कहा कि नशे से दूर रहे स्वस्थ रहें परिवार के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताए। इस अवसर पर चमन लाल डिग्री कालिज के सरंक्षक रामकुमार हरित, महाविद्यालय के एंटी ड्रग सेल समिति की सदस्य डॉक्टर सुनीता कुमारी एवं डॉक्टर इंदु अरोड़ा ने भी अपने विचारों से नशा मुक्ति के संदर्भ में छात्र-छात्राओं को मोटिवेट किया। इस दौरान महाविद्यालय के प्राध्यापकगण डॉक्टर शिखा जैन, डॉक्टर रीमा सिन्हा, अंजना सैनी, रितु शर्मा, डॉक्टर दीपक डोभाल, डॉ० भरत अरोरा, डॉ० संजय धीमान, अभय कुमार, डॉक्टर परविंदर कुमार, विकास शर्मा, अजय राजवंशी आदि मौजूद रहे। इस अवसर पर आकाश, आदित्य, प्रवीण, शादाब, वर्णिका आर्य, अर्शला, मुस्कान, दीपा, आशीष, मोहित, लाईबा खान, रजत, ज्ञानदास, मोनिका, नवीन आदि छात्र-छात्राओं ने सहयोग दिया।