रुड़की

नगर निगम की बोर्ड बैठक में पत्रकारों की नो एंट्री से नगर के मीडिया कर्मियों में रोष

पत्रकारों ने विरोध जताते हुए किया हंगामा

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(इमरान देशभक्त) रुड़की। भाजपा के टिकट पर निर्वाचित मेयर ने पहली बोर्ड की बैठक में मीडिया को बाहर कर दिया। इतना ही नहीं स्वयं विधायक द्वारा कुछ पत्रकारों के साथ धक्का-मुक्की करते हुए बैठक में कवरेज का एक्ट भी मांग लियागया। वहीं इस घटना के बाद पत्रकारों में भारी रोष व्याप्त है और पत्रकारों ने मंगलवार को नेहरू स्टेडियम में होने वाले मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के बहिष्कार की घोषणा कर दी है। ज्ञात रहे कि रुड़की नगर निगम में हाल ही में हुए निकाय चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अनीता अग्रवाल चुनाव जीतकर मेयर बनी है। उनके मेयर बनने के बाद रुड़की में अब तक जितने कार्यक्रम हुए, उसमें उनके पति ललित मोहन अग्रवाल ही प्रतिनिधित्व करते दिखाई दिए। मेयर की ओर से भी वह ही संबोधन करते नजर आए। वहीं आज पहली बोर्ड बैठक आहूत की गई थी। हर बार की तरह पत्रकार कवरेज के लिए नगर निगम पहुंचे, किन्तु वहां पत्रकारों को देखते ही नगर विधायक प्रदीप बत्रा उग्र हो गए और अपने सुरक्षा कर्मी से पत्रकारों को बाहर निकालने की बात कही, इतना ही नहीं कुछ पत्रकारों के साथ धक्का-मुक्की भी कर डाली। पत्रकारों ने विरोध किया, तो उनके मोबाइल भी छीने जाने का प्रयास किया गया, वहीं इस दुर्व्यवहार के बाद पत्रकारों ने अपना विरोध जताते हुए हंगामा किया। पत्रकारों का कहना है कि भविष्य में मेयर और विधायक के कार्यक्रमों का पूर्ण बहिष्कार किया जाएगा, इसके साथ ही मंगलवार को नेहरू स्टेडियम में होने वाले मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के बहिष्कार का निर्णय भी पत्रकारों के दोनों संगठनों ने लिया है। दोनों संगठनों के अध्यक्ष बिल्लू रोड और बबलू सैनी का कहना है कि पत्रकार एकजुट होकर इस अपमान की लड़ाई लड़ेंगे। इस दौरान पत्रकारों ने जमकर नारेबाजी की। पहले कुर्सी पर फिर बाद में पर्दे के पीछे बैठे मेयर पति। बोर्ड बैठक के दौरान जहां अनीता अग्रवाल मेयर की कुर्सी पर बैठी है, तो वहीं उनके पति ललित मोहन अग्रवाल भी उनके बराबर में बैठे रहे। जब मीडिया में विरोध किया, तो उन्हें पर्दे के पीछे बैठा दिया गया। मतलब साफ है कि भाजपा से चुनी गई मेयर इस काबिल ही नहीं है कि वह बोर्ड अपने दम पर चला सके।उक्त बोर्ड बैठक के संचालन का पूरा कंट्रोल विधायक प्रदीप बत्रा ने अपने हाथों में लिये रखा, अब वह किस अधिकार से बोर्ड बैठक में निर्देश देते रहे, यह बड़ा सवाल है, हालांकि भाजपा के विधायक और मेयर द्वारा जो अमर्यादित व्यवहार बोर्ड बैठक में दिखाया गया, वह निंदनीय है, वहीं उक्त घटना पर पूर्व मेयर यशपाल राणा ने भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।

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