संस्कृति और साहस की भूमि है भारत: प्रो. बत्रा
शौर्य दीवार पर पुष्पाजंलि अर्पित कर किया गया वीर शहीदों को नमन
हरिद्वार की गूंज (24*7)
(नीटू कुमार) हरिद्वार। महाविद्यालय में आज कारगिल विजय दिवस के 25 वर्ष पूर्ण होने पर भारतीय सेना एवं शहीदों के सम्मान में काॅलेज में निर्मित शौर्य दीवार पर देश के परमवीर चक्र से सम्मानित वीर शहीदों को नमन कर पुष्पाजंलि अर्पित की गयी। इस अवसर पर काॅलेज के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने वीर बहादुर सैनिकों अपनी पुष्पाजंलित अर्पित करते हुए कहा कि भारत संस्कृति, क्षमा और साहस की भूमि है। अदम्य साहस एवं नैतिक बल दुनिया के लिए उल्लेखनीय और प्रेरणादायक है। प्रो. बत्रा ने कहा कि भारतीय सेना अपने देश का गौरव रखने में सदा कामयाब रही हैं। हमारे सैनिकों ने अनेक लड़ाईयाँ लड़ी और उनमें जीत हासिल की हैं। उन्होंने कहा कि कारगिल दिवस भारतीय सेना की बढ़ती सामरिक क्षमता का परिचायक है। आज का दिन सशस्त्र बलों के वीरतापूर्ण प्रयासों और बलिदान को याद करने का दिन है। प्रो. बत्रा ने कहा कि कारगिल विजय दिवस भारत के शौर्य का प्रतीक है। इस अवसर पर प्रो. बत्रा ने माखनलाल चतुर्वेदी की कविता पुष्प की अभिलाषा भी सदन को सुनाई। अर्थशास्त्र विभाग के पूर्व अध्यक्ष डाॅ. नरेश कुमार गर्ग ने अपने सम्बोधन में कहा कि कारगिल जैसी विषम भौगोलिक परिस्थितियों में युद्ध लड़ना और जीतना निसन्देह भारतीय सेना की शक्ति का परिचायक है। उन्होंने महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वे अधिक से अधिक सेना में अपनी सेवाओं देकर अपने देश की उन्नति का मार्ग प्रशस्त करें। यह दिन उन वीर सपूतों के लिए समर्पित है जिन्होंने अपना आज हमारे कल के लिए बलिदान कर दिया।
अधिष्ठाता छात्र कल्याण डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी ने विजय दिवस की शुभकामनायें प्रेषित करते हुए कहा कि आज शौर्य दिवस है, जो कारगिल विजय की याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं की रक्षा हेतु उत्तराखण्ड ने सदैव अपना योगदान दिया है तथा देश की सम्प्रभुता, एकता व अखण्डता की सुरक्षा के लिए भारतीय सेना कभी भी अपने सर्वोच्च बलिदान देने से पीछे नहीं हटी। राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष विनय थपलियाल ने कहा कि भारतीय सेना उच्च प्रशिक्षित एवं युद्ध कौशल में विश्व में सर्वश्रेष्ठ है। इस अवसर पर प्रो. जगदीश चन्द्र आर्य, डाॅ. सुषमा नयाल, डाॅ. शिवकुमार चौहान, डाॅ. मोना शर्मा, श्रीमती रिचा मिनोचा, डाॅ. सुगन्धा वर्मा, विनीत सक्सेना, डाॅ. पूर्णिमा सुन्दरियाल, वैभव बत्रा, डाॅ. विजय शर्मा, श्रीमती रिंकल गोयल, श्रीमती रिचा मिनोचा, श्रीमती हेमवती, मधुर अनेजा, डाॅ. अमिता मल्होत्रा, मोहन चन्द्र पाण्डेय, राजनकुमार साहित काॅलेज के अनेक छात्र-छात्रा उपस्थित रहें।