भारतीय किसान यूनियन अन्नदाता का चिंतन शिविर संपन्न

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(नीटू कुमार) हरिद्वार। अलकनंदा घाट पर आयोजित भारतीय किसान यूनियन अन्नदाता का तीन दिवसीय चिंतन शिविर बृहष्पतिवार को संपन्न हो गया। शिविर के समापन पर यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार गुरमुख सिंह विर्क ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, यूपी, उत्तराखंड सहित कई राज्यों से आए किसानों को समस्याओं के समाधान के लिए संघर्ष जारी रखने के संकल्प के साथ विदा किया। शिविर के समापन अवसर पर आयोजित बैठक में पूरे देश में समान शिक्षा नीति लागू करने, मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार पर रोक लगाने, मनरेगा जॉब कार्ड धारकों की मजदूरी 400 रूपए प्रतिदिन करने, काम नहीं मिलने पर वर्ष में 2 महीने की मजदूरी भुगतान, 55 वर्ष की आयु पूरी होने पर प्रत्येक किसान, मजूदर, निम्न आर्य वर्ग के व्यक्ति को 5 हजार रूपए महीना पेंशन, बिजली दरों में की जा रही वृद्धि को तत्काल वापस लेने, खेती के लिए गए कर्ज के भुगतान को लेकर किसानों का उत्पीड़न बंद करने और छोटे मझोले किसानों का कर्ज माफ करने, कृषि उत्पादों के दाम निर्धारित करने और उत्पादों की बिक्री के लिए बाजार की स्थापना करने सहित कई प्रस्ताव पारित कर राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया गया।
किसानों को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन अन्नदाता के अध्यक्ष सरदार गुरमुख सिंह विर्क ने कहा कि किसान और मजदूर गहरे आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। किसान और मजदूर देश की रीढ़ हैं। देश की प्रगति के लिए इनका सशक्त होना जरूरी है। सरकार की जिम्मेदारी है कि किसान और मजदूर की दशा सुधारने के लिए कदम उठाए। मजदूर को पर्याप्त मजदूरी मिले। खेती के लिए उन्नत तकनीक और उपकरण उपलब्ध कराए जाएं। ताकि छोटे मझोले किसान भी खेती से लाभ कमा सकें। इस दौरान सरदार गुरमुख सिंह विर्क ने स्थानीय समाजसेवी करण पंडित को यूनियन का शहर अध्यक्ष मनोनीत करने की घोषणा भी की। राष्ट्रीय प्रवक्ता अजीत सिंह कालहों, युवा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.रिजवान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अशोक मिश्रा, राष्ट्रीय महासचिव भानु प्रताप, महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय महासचिव वंदना चतुर्वेदी, राष्ट्रीय सचिव शिवराज, पंजाब प्रदेश अध्यक्ष अंग्रेज सिंह संधू, उत्तर प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार पांडे, हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश दहिया, महिला मोर्चा की राष्ट्रीय सचिव सुदेश कंडेला, हरियाणा महिला मोर्चा अध्यक्ष सुमन बटोला, सुरजीत सिंह औलख, रेखा भनोट, वंदना चतुर्वेदी आदि पदाधिकारियों ने भी विचार रखे।