हरिद्वार

आयुर्वेद विभाग की पहल, जिला महिला चिकित्सलय में रोगियों को मिलेगी लाइफस्टाइल सलाह से उपचार की सुविधा

अच्छे स्वास्थ्य के लिए खान-पान और बेहतर जीवनशैली का विशेष महत्व: डॉ सीपी त्रिपाठी

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(रवि चौहान) हरिद्वार। माह के प्रत्येक शुकवार को जिला चिकित्सालय आयुष विंग महिला में जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ स्वास्तिक सुरेश के निर्देशन में आहार विहार, व्यायाम, व्यवहार, दिनचर्यत आदि संबंधी परामर्श देने के लिए लाइफ़स्टाइल क्लिनिक-लाईफ स्टाईल ओपीडी नामक एक एकीकृत सुविधा का संचालन किया जा रहा है। इस सुविधा का उद्देश्य आने वाले सभी लोगों एवं रोगियों को जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के व्यापक निवारक हेतु उपचारात्मक देखभाल प्रदान करना है। बढ़ते जीवनशैली परिवर्तनों के साथ, मोटापा, उच्च रक्तचाप, डिस्लिपिडेमिया और मधुमेह जैसी बीमारियाँ भारतीय आबादी में बढ़ती जा रही हैं। कोई भी इसमें अपवाद नहीं हैं, और सभी में इसी तरह की प्रवृत्ति देखने को मिलती है। इन गैर-संचारी रोगों को रोका जा सकता है और बहु-विषयक और गैर-औषधीय दृष्टिकोणों का उपयोग करके इनका प्रबंधन किया जा सकता है। “लाइफ़स्टाइल क्लिनिक” का उद्देश्य जोखिम में पहचाने जाने वाले लोगों को जीवनशैली संबंधी विकारों के बारे में जागरूक करना, आहार शिक्षा, व्यायाम और सकारात्मक प्रेरणा के माध्यम से स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देकर औषधियों के बिना ही मधुमेह, उच्च रक्तचाप और मोटापे आदि जैसी पुरानी बीमारियों को रोकना और उनका प्रबंधन करना है। लाईफ स्टाईल ओपीडी का संचालन डॉ धनेंद्र वशिष्ठ द्वारा किया जाएगा जो इस क्षेत्र में विशेषज्ञता रखते हैं। ओपीडी के शुभारंभ के अवसर पर डॉ वशिष्ठ ने बताया कि ओपीडी में प्राकृतिक उपचारों का उपयोग किया जाता है, जो दवाओं के दुष्प्रभावों से मुक्त होते हैं। साथ ही मरीज़ों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जिसमें आहार, व्यायाम और तनाव प्रबंधन जैसे पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।

राष्ट्रीय आयुष मिशन के नोडल अधिकारी डॉ अवनीश उपाध्याय ने बताया कि स्वास्थ्य सेवा में यह नई पहल, निवारक सेवा के रूप में स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देगी और विभिन्न चयापचय विकारों को दूर करने के लिए सुरक्षित और दवा मुक्त चिकित्सा सुनिश्चित करेगी। यह पहल प्रभावित लोगों और उनके परिवारों के जीवन की गुणवत्ता और आत्मविश्वास में सकारात्मक बदलाव लाएगी।

हरमिलाप जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ सीपी त्रिपाठी ने बताया कि इस ओपीडी में आयुर्वेद चिकित्सा एवं लाइफस्टाइल विशेषज्ञों द्वारा आयुर्वेदिक चिकित्सा, योग, ध्यान और जीवनशैली में परिवर्तन जैसे विभिन्न पहलुओं की माध्यम से रोगों के उपचार की पद्धति अपनाई जाएगी। डॉ त्रिपाठी ने स्वस्थ जीवन के लिए आहार के महत्व को बताते हुए कहा कि जो एक बार भोजन करता है, वह योगी और जो दो बार भोजन करता है वह भोगी और जो तीन या अधिक बार भोजन करता है, वह रोगी बनता है। जो आधे पेट का भोजन करता है और दोगुना जल पीता है वह उत्कृष्ट ध्यान कर सकता है और तीन गुना जो परिणाम करता है वह शतायु जीवन जीता है। इसलिए हमें सदैव अपने खान पान को विचार पूर्वक करना चाहिए।

चिकित्सालय के एनएस्थेसिस्ट डॉ ए बी पराशर ने जप और ध्यान के महत्व को बताते हुए कहा कि इस ओपीडी में मरीज़ों को व्यक्तिगत ध्यान सिखाया जाता है, जिसमें उनकी विशिष्ट स्वास्थ्य आवश्यकताओं और समस्याओं का समाधान किया जाता है। साथ ही स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान की जाती है, जिससे वे अपने स्वास्थ्य को बेहतर ढंग से समझ और प्रबंधित कर सकें। डॉ पाराशर ने बताया की आयुर्वेदिक चिकित्सा बहुत ही कागज चिकित्सा पद्धति है जिससे जटिल से जटिल बीमारियों को ठीक किया जा सकता है साथ ही बीमारियों के प्रबंधन और उसके दुष्प्रभाव को कम करने के लिए yam, नियम के पालन के साथ स्वस्थ जीवन शैली, योग, प्राणायाम ध्यान आदि को अपनाना जरूरी होता है।

लाइफस्टाइल ओपीडी के उद्घाटन के अवसर पर नोडल अधिकारी डॉ अवनीश उपाध्याय, जिला चिकित्सालय के प्रभारी वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ उदय नारायण पांडे, डॉ घनेंद्र वशिष्ठ, डॉ मनीष कुमार गुप्ता, डॉ सौरभ प्रकाश त्रिपाठी, डॉ साक्षी शर्मा, मुख्य फार्मेसी अधिकारी राजेंद्र मिश्रा, प्रकाश उनियाल, विक्रम सिंह, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा सहायक निशा भट्ट आदि मौजूद रहे।

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