हरिद्वार की गूंज (24*7)
(गगन शर्मा) हरिद्वार। कान फोडू डी०जे कुछ के लिए मजा तो कुछ के लिए सज़ा बन जाता है। जिसके लिए न्यायलय की ओर से भी आवश्यक दिशा निर्देश जारी किये गये है। जिसके अनुसार एक निश्चित ध्वनि और समय तक ही डी.जे संचालक संगीत चलाये। मगर जब कोई व्यक्ति स्वयं को कानून से ऊपर समझने की भूल करे तो ऐसे व्यक्ति की गलतफहमी समय रहते दूर होनी जरूरी हो जाती है। ताजा मामला कनखल थाना अंतर्गत मिस्सरपुर गाँव का है जहाँ शाम को कुछ लोग सड़क पर डी जे बजाते जा रहे थे जिसकी बेस (धमक) इतनी ज्यादा थी कि एक मेडिकल की दुकान से दवाई अलमारी से नीचे गिरनी शुरू हो गयी। सूचना मिलते ही जाजीतपुर चौकी प्रभारी सुधांशु कोशिक द्वारा चेतक पुलिस भेजी तत्पश्चात डी जे संचालक ने स्थानीय लोगो और पुलिस को भरोसा दिलाया कि वह कम ध्वनि में ही डी जे बजायेगा। जगजीतपुर पुलिस चौकी द्वारा स्थानीय जनता से आह्वान किया है कि नशाखोरी का कारोबार और गैर कानूनी कार्य करने वालो की समय रहते गुप्त सूचना पुलिस तक देकर पुलिस का सहयोग करे तभी क्षेत्र को नशा और अपराध से मुक्त किया जा सकेगा।