पौड़ी

कांवड़ यात्रा 2025: खाकी के सेवक यूहीं नही खाकी के सच्चे रक्षक कहलाये जाते है

उप निरीक्षक शिशुपाल राणा ने पेश की मिशाल, गूगल से ढूंढ निकाला गांव सहित पुलिस स्टेशन का नंबर

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(राजेश कुमार) पौड़ी। उत्तराखंड मित्र पुलिस को यूंही नहीं मित्र पुलिस कहा जाता है, हमेशा उत्तराखंड की मित्र पुलिस अपनी ड्यूटी के प्रतीक हमेशा तत्पर रहती है और बात की जाए उत्तराखंड की तो आए दिन उत्तराखंड मित्र पुलिस लोगों के लिए देवदूत बनकर मिशाल बन रही है।

जी हां ऐसा ही एक मामला पौड़ी का प्रकाश में आया है जहां उत्तराखंड पुलिस के होनहार सीनियर उप निरीक्षक शिशुपाल राणा हमेशा अपने कर्तव्य का पालन करते रहे है, जिसका हाल ही में उन्होंने एक बार फिर उदाहरण पेश किया है।

हरियाणा से 11 महिलाओं का समूह पौड़ी स्थित नीलकंठ महादेव के दर्शन को उत्तराखंड पहुँचा। किन्तु दर्शन के बाद अत्यधिक भीड़ होने के चलते 3 बुजुर्ग महिलाएं साथी महिलाओं से बिछुड़ गयी। जिसके बाद वह परेशान नटराज चौक पर बैठी हुई थी, जिस दौरान कांवड़ ड्यूटी में लगे वरिष्ठ उपनिरीक्षक शिशुपाल राणा व उनकी टीम द्वारा जब उन्हें परेशान देखा तो उनकी परेशानी की वजह पूछी व उन्हें पुलिस बूथ में बिठाकर जल पान करवाया गया।

महिलाएं पढ़ी लिखी न होने के चलते साथियों में से किसी का फोन नंबर न बता पाए न ही गाँव मे किसी की जानकारी खास दे पाई, सिर्फ अपने गांव का नाम बताया। जिसपर शिशुपाल राणा द्वारा गूगल से उनके गांव को खोजा और गांव के नजदीकी पुलिस स्टेशन का नंबर खोज पुलिस से संपर्क कर महिलाओं के गांव के सरपंच का नंबर निकाला।

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जिसके उपरान्त उनके द्वारा सरपंच से उन बुजुर्ग महिलाओं को लेकर गए वाहन के ड्राइवर का नंबर निकाल उसे फोन कर उनकी वर्तमान लोकेशन जान अपनी सरकारी गाड़ी से बुजुर्ग महिलाओं को उनके साथियों तक पहुँचाया।
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वरिष्ठ उपनिरीक्षक शिशुपाल राणा व उनकी टीम द्वारा सुबह से शाम तक महिलाओं को उनके साथियों से मिलवाने को दिखाई गई प्रतिबद्धता व कड़ी कोशिश की महिलाओं ने सराहना करते हुए उन्हें आशीर्वाद दिया, जो खाकी के मानवीय गुणों के लिए एक उपलब्धि है। वही उत्तराखंड में पुलिस की दूसरे राज्य में भी भूरी-भूरी प्रशंसा की जा रही है।

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