देहरादून

जेल में हैकर से सीखी वर्चुअल सिम व लोकेशन कोआर्डिनेट बनाने की तकनीक

लूट का रास्ता तय करने में किया इस्तेमाल

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(राजेश कुमार) देहरादून। रिलायंस जेवेलरी शोरूम लूट घटना में पुलिस द्वारा गिरफ़्तार लूट के मास्टरमाइंड शशांक सिंह उर्फ सोनू राजपूत को बी वारण्ट पर आज देहरादून लाया गया है। पूछताछ में अभियुक्त शशांक ने पुलिस को बताया है कि राजीव कुमार सिंह उर्फ पुल्लु सिंह उर्फ सरदार तथा सुबोध के साथ मिलकर उसने जेल से ही साजिश रची थी व सारी घटनाओं की साजिश, वर्चुअल नंबरों गैंग के अन्य सदस्यों को दिए जाते थे। अभियुक्त, सुबोध व फुल्लू की द्वारा बेऊर थाने में बंद के दौरान वहां बंद एक हैकर से मुलाकात हुई थी जहां उन्होंने वर्चुअल सिम बनाना सीखा। अभियुक्त शंशाक ने गूगल मैप्स से लोकेशन कोआर्डिनेट बनाना, मैपिंग करने जैसी टेक्निकल काम सीखे जिसे उसके द्वारा लूट में इस्तेमाल किया गया था। राजधानी रिलायंस लूट में अभियुक्त के साथी राजीव कुमार सिंह द्वारा लूट के माल को नेपाल आदि जगहों में भेजा गया है।

पूछताछ में अभियुक्त शशांक ने बताया गया कि सुबोध तथा उसके द्वारा ही देहरादून में रिलांयस ज्वैलरी शोरूम में लूट की योजना बनाई गयी थी तथा घटना को अजांम देने के लिए प्रिंस कुमार, अखिलेश उर्फ अभिषेक, विक्रम कुशवाहा, राहुल तथा अविनाश को देहरादून भेजा गया था। अभियुक्त शशांक नई बताया गया कि सुबोध से उसकी पहचान अपने मौहल्ले में रहने वाले रोशन सिंह नाम के व्यक्ति के माध्यम से हुई थी, जो सुबोध के लिये काम करता था। वर्ष 2015-16 में रोशन की हत्या होने के बाद अभियुक्त शशांक सुबोध गैंग का सक्रिय सदस्य बन गया, अभियुक्त द्वारा सुबोध तथा अपने अन्य साथियों के साथ वर्ष 2016 में बैरकपुर पश्चिम बंगाल में मन्नापुरम गोल्ड शॉप में 28 किलो सोने तथा वर्ष 2017 में आसनसोल पश्चिम बंगाल में मुथूट फाईनेंस ब्रांच में 55 किलो सोने की डकैती की घटना को अजांम दिया गया था, उसके पश्चात अभियुक्तों द्वारा विशाखापटनम् में भी लूट की योजना बनाई पर घटना से पूर्व ही अभियुक्त शशांक को उसके 03 अन्य साथियों के साथ पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था। उक्त घटना में सुबोध सिंह व उनके 02 अन्य साथी मौके से फरार होने में सफल रहे। अभियुक्त विशाखपटनम् में 09 माह जेल में रहने के बाद जमानत पर बाहर आया पर उसके बाद अभियुक्त को उसके अन्य साथियों व सुबोध सिंह के साथ पुलिस द्वारा आसनसोल की घटना में गिरफ्तार कर बेऊर जेल भेज दिया गया था,जहां उसकी पहचान राजस्थान के एक हैकर से हुई, जिसने उसे, सुबोध तथा राजीव कुमार सिंह उर्फ पुल्लु सिंह उर्फ सरदार को वर्चुवल सिम बनाने की जानकारी दी।

पुलिस कप्तान ने बताया कि सुबोध सिंह व राजीव सिंह से अभियुक्त शशांक का जेल में अच्छा तालमेल हो गया था। सुबोध सिंह व राजीव सिंह पहले से ही जेल में मोबाइल चलाते थे। ये सभी लोग पहले तो व्हाट्सएप्प काल के माध्यम से बात करते थे, इसके बाद सभी लोग वर्चुअल सिम के माध्यम से बात करने लगे। अभियुक्त के अनुसार सुबोध तथा राजीव अपने पुराने केसो में जमानत करवाना चाहते थे क्योंकि वह 2025 में विधान सभा चुनाव लडना चाहते थे ,तो उन्होंने आगे की वारदातों को अंजाम देने को उसको मोबाइल के जरिये गैंग के सदस्यों से बात करने को कहा। उन्होंने कहा था कि बहुत जरूरी होने पर ही वह दोनो गैंग के लोगो से बात करेंगे। उक्त काम को अंजाम देने के बदले वह लोग उसकी जमानत करवाएंगे व पचास लाख से एक करोड रुपये तक देना तय किया था।

अभियुक्त शशांक द्वारा जून 2023 में सांगली महाराष्ट्र में सुबोध सिंह औऱ राजीव सिंह के द्वारा दिये जा रहे डायरेक्शन पर वर्चुअल सिम का प्रयोग करके रिलायंस शोरुम में घटना करवायी थी। जिसके बाद सितम्बर 2023 में सुबोध सिंह व राजीव सिंह के साथ मिलकर उसने देहरादून में सोना लूटने की योजना बनवायी औऱ अनिल सोनी उर्फ डीएसपी को रैकी करने के लिये भेजा था। अनिल सोनी ने राजपुर रोड पर रिलायंस ज्वैर्ल्स शोरुम को चिन्हित किया था और वर्चुअल काल के माध्यम से उसे दुकान की लोकेशन बताई थी। जिसके बाद उसने हैकर से सीखी टेक्नीक के माध्यम से गूगल मैप से घटनास्थल से आने जाने का रुट मैप बनाया और अनिल सोनी को रुट को देखने के लिये भेजा था,जिसपर अनिल सोनी द्वारा पोंटा साहिब वाला और हरिद्वार वाला रुट देहरादून से बाहर निकलने के लिये कन्फर्म किया था।उसके द्वारा गूगल मैप के जरिये घटना करने के बाद किस रास्ते से भागना है, उसमें ए से एच तक प्वांइट बनाकर जनपद से बाहर निकलने का रास्ता घटना करने वाली टीम को व्हाटसअप काल के माध्यम से बताई थी। घटना कर लिए उसने राहुल चौंदा, अविनाश , प्रिंस उर्फ सिंघम, विक्रम उर्फ पायलेट, अभिषेक उर्फ अखिलेश उर्फ गांधी से घटना करवायी।

यह थी प्लानिंग्-
शशांक कवी अनुसार घटना वाले दिन प्लानिंग थी कि विक्रम उर्फ पायलट शिमला बाईपास से अर्टिगा गाडी में लूट का सामान लेकर और अविनाश और राहुल चौंदा को लेकर हरिद्वार की तरफ निकलगें, लेकिन घटना वाले दिन घटना करने के बाद कई जगह पुलिस की चैकिंग मिलने के कारण दोनो बाईकों और अर्टिगा गाडी में काफी दूरी हो गई, जिस कारण उसके द्वारा प्लान बदलकर उनको नदी के रास्ते निकलकर पौंटा साहिब वाले रुट से जाने के लिए कहा गया। घटना के बाद रुट में पुलिस चैकिंग शुरु हो गयी थी जिस कारण इन लोगो ने घटना में प्रयोग की गयी दोनो अपाचे बाइक व आर्टिगा गाडी को रास्ते में ही छोड दिया व अलग अलग माध्यमो से देहरादून से बाहर निकल गये।

पुलिस कप्तान अजय सिंह ने बताया कि अभियुक्त शशांक द्वारा उसके गैंग के सदस्यों व उनके द्वारा कहाँ कहाँ घटना की गई है व वर्तमान में कहां कहाँ है इस सम्बंध में जानकारी दी गयी है।वही लूट के माल के सम्बंध में उसने बताया कि उसके साथी फुल्लू द्वारा उसे नेपाल व अन्य जगहों में भेजा गया है। इसके अतिरिक्त अभियुक्त शशांक व सुबोध, राजीव कुमार सिंह उर्फ पुल्लु सिंह उर्फ सरदार द्वारा ही गुजरात के महेसाणा में डकैती की योजना बनायी गई थी तथा घटना की रैकी के लिए अपने गैंग के 02 सदस्यों अनिल सोनी तथा विकास कुमार को भेजा गया था, पर दून पुलिस के इनपुट पर गुजरात पुलिस तथा दून पुलिस की टीमों द्वारा घटना से पूर्व ही अभियुक्त विकास कुमार को गिरफ्तार कर योजना को विफल कर दिया।

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