हरिद्वार

सभी तेरह अखाड़ों के सानिध्य में धूमधाम से मनायी गयी भगवान कपिल मुनि की जयंती

भगवान कपिल मुनि विष्णु भगवान का अवतार हैं: महंत रविंद्रपुरी

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(नीटू कुमार) हरिद्वार। श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के ईष्टदेव भगवान कपिल मुनि की जयंती सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों के सानिध्य में समारोह पूर्वक मनायी गयी। सभी संतों ने भगवान कपिल मुनि का पूजन व आरती कर उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए धर्म संस्कृति के संरक्षण का संकल्प लिया। श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी की छावनी में आयोजित जयंती समारोह की अध्यक्षता करते हुए अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि भगवान कपिल मुनि अखाड़े के ईष्टदेव और जन-जन के आराध्य हैं। अखाड़े की पूरे देश में स्थित सभी शाखाओं में भगवान कपिल मुनि की जयंती समारोह पूर्वक मनायी जाती है। उन्होंने कहा कि भगवान कपिल मुनि के दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हुए श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी सनातन धर्म के संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन में अपना योगदान कर रहा है। स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज, पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतिश्वरानंद व स्वामी हरिचेतनानंद ने कहा कि भगवान कपिल मुनि तपस्वी ऋषि थे। उन्होंने कहा कि ईष्ट देवता की पूजा अर्चना से परिवारों में सुख समृद्धि का वास रहता है। मनुष्य तरक्की की और बढ़ता है। धार्मिक अनुष्ठान जरूरी हैं। ईष्ट देवता के प्रसन्न रहने से ही मनुष्य कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी, श्रीमहंत किशन गिरी, स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि ईष्टदेव भगवान कपिल मुनि ने मनुष्य कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित किया। उनके उच्च विचारों को आत्मसात करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि निरंतर संत समाज सेवा के कार्यो में अपना योगदान देता है। संतों के सानिध्य में भक्त का कल्याण अवश्य होता है। उच्च विचार ही मनुष्य की पहचान होती है। सांसद डा. रमेश पोखरियाल निशंक, विधायक आदेश चौहान, विधायक मदन कौशिक व पूर्व विधायक संजय गुप्ता ने कहा कि संतों के जप तप से ही उत्तराखंड का कल्याण संभव है। संत समाज भारतीय संस्कृति सनातन संस्कृति के पुरोधा हैं। युवा पीढ़ी को संत महापुरूषों का सानिध्य अवश्य लेना चाहिए। जीवन को सफल बनाना है तो संतों का आशीर्वाद अवश्य लें। क्योंकि गुरू ही परमात्मा का दूसरा स्वरूप हैं। श्रीमहंत किशन गिरी, महंत अखिलेश भारती, महंत महेश गिरी, महंत देव गिरी, महंत सुभाष पुरी, महंत राघवेंद्र पुरी, महंत विष्णुनाथ गिरी, महंत सूर्यमोहन गिरी, महंत सत्यम गिरी व स्वामी कृष्णानंद गिरी व पूर्व विधायक संजय गुप्ता ने सभी संत महापुरूषों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर स्वामी कपिल मुनि, सतपाल ब्रह्मचारी, स्वामी शरदपुरी, महंत धुनीदास, बाबा हठयोगी, महंत नारायण दास पटवारी, महंत दुर्गादास, महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री, मुखिया महंत भगतराम, स्वामी अनंतानंद, स्वामी रविदेव शास्त्री, महंत हनुमान बाबा, महंत संपूर्णानंद ब्रह्मचारी, महंत दामोदर शरण, महंत राघवेंद्र दास, स्वामी सोमेश्वरानंद, स्वामी प्रबोधानंद गिरी, महंत गोविंददास, महंत राघवेंद्र, स्वामी रामेश्वरानंद, स्वामी शिवानंद, स्वामी गिरधर गिरी, महंत सूरजदास, महंत प्रेमदास, महंत विष्णुदास, महंत निर्भय सिंह, सभासद अनिरूद्ध भाटी, सुनील अग्रवाल, विनीत जौली, नितिन माणा सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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