हरिद्वार

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर शांतिकुंज में हुए अनेक कार्यक्रम

अक्षय कुमार हरिद्वार संवाददाता

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(अक्षय कुमार) हरिद्वार। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर गायत्री तीर्थ शांतिकुंंज में कई कार्यक्रम हुए। वहीं महिला मण्डल की बहिनों के संचालन में 27 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ हुआ। जहाँ सर्वे भवन्तु सुखिनः की भावना से श्रद्धासिक्त हजारों साधकों ने यज्ञ भगवान को आहुतियाँ प्रदान कीं। इस अवसर पर अपने संदेश में स्नेहसहिला श्रद्धेया शैलदीदी ने कहा कि गायत्री परिवार की संस्थापिका परम वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा जी ने साठ के दशक से ही महिलाओं के विकास के लिए कार्य करना प्रारंभ कर दिया था। उन्होंने सभी वर्ग, जाति, सम्प्रदाय की महिलाओं को समान रूप से जागरूक करने के लिए अनेक प्रयास किए। उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके अंदर जागरूकता लाने के लिए कई पहल की थीं। श्रद्धेया शैलदीदी ने कहा कि नारी भाव संवेदनाओं की गंगोत्री है। महिलाएँ न केवल परिवार की धुरी होती हैं, बल्कि समाज की प्रगति में भी उनका महत्त्वपूर्ण योगदान है। महिला मण्डल की प्रमुख श्रीमती शैफाली पण्ड्या ने कहा कि आज के इस महत्वपूर्ण दिन पर हमें नारी की शक्ति, उसकी संघर्षशीलता और उसकी अदम्य इच्छाशक्ति को सलाम करना चाहिए। महिलाओं को आत्म-निर्भर और सशक्त बनाने के लिए हमें उन्हें शिक्षा, सम्मान और अवसर देना अत्यंत आवश्यक है। देसंविवि में भी अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस में कई कार्यक्रम आयोजित हुए।
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भगवान विष्णु की नगरी गया में बही यज्ञीय जीवन की धारा

युवा आइकान डॉ पण्ड्या विश्वगुरु शोध सम्मान से सम्मानित

हरिद्वार। वर्ष 2026 गायत्री परिवार की संस्थापिका माता भगवती देवी शर्मा व सिद्ध अखण्ड दीप का शताब्दी वर्ष है। शताब्दी वर्ष के निमित्त हरिद्वार स्थित गायत्री तीर्थ शांतिकुंज के मार्गदर्शन में देश भर में यज्ञीय आयोजनों की शृंखला चलाई जा रही हैं। इस कड़ी में देवसंस्कृति विवि के प्रतिकुलपति युवा आइकान के नेतृत्व में भगवान विष्णु की नगरी गया (बिहार) में १०८ कुण्डीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन हुआ। महायज्ञ में उपस्थित हजारों श्रद्धालु साधकों को संबोधित करते हुए युवा आइकान डॉ चिन्मय पण्ड्या जी ने कहा कि भगवान बुद्ध की तपस्थली गया की पवित्र भूमि पर गायत्री महायज्ञ का आयोजन हमारे भीतर छिपे देवत्व को जागृत करने का अवसर प्रदान करता है। यह महायज्ञ आत्मिक शुद्धि के साथ-साथ समाज में नैतिक और आध्यात्मिक पुनर्जागरण का सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि यज्ञीय जीवनशैली को आत्मसात कर हम समाज में सद्भाव, सेवा, और परोपकार के आदर्शों को बढ़ावा दे सकते हैं। महायज्ञ के देवपूजन के अवसर पर पर चैंबर्स ऑफ कॉमर्स गया द्वारा युवा आइकान डॉ. पंड्या जी को विश्वगुरु शोध सम्मान से सम्मानित किया गया। डॉ चिन्मय पण्ड्या जी ने इसे अखिल विश्व गायत्री परिवार के कार्यकर्त्ताओं को समर्पित कर दिया। यह समर्पण और सम्मान का क्षण उपस्थित सभी श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बना। इस अवसर पर बिहार राज्य के सहकारिता मंत्री श्री प्रेम कुमार सपत्नीक पहुंचे और भारत को विश्वगुरु बनाने की दिशा में हो रहे आध्यात्मिक अनुष्ठान में सहभागी बने। श्री कुमार युवा आइकान डॉ पण्ड्या जी ने भेंट की। इस दौरान युवा आइकान ने श्री कुमार को युगऋषि पूज्य गुरुदेव द्वारा रचित युग साहित्य भेंटकर सम्मानित किया।

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