हरिद्वार

मानसिक स्वास्थ्य, एक खुशहाल जीवन की कुंजी: शिवानी गौर

रजत चौहान प्रधान सम्पादक

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(रजत चौहान) हरिद्वार। शिवानी गौर ने हरिद्वार की गूंज समाचार पत्र से खास बातचीत करते हुए कहा कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में मानसिक स्वास्थ्य (Mental Wellness) का महत्व पहले से कहीं अधिक बढ़ गया है। जैसे शारीरिक स्वास्थ्य हमारे शरीर के लिए जरूरी है, वैसे ही मानसिक स्वास्थ्य हमारे मन और आत्मा के लिए आवश्यक है। मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति न केवल तनाव और दबाव को संभाल सकता है, बल्कि जीवन की चुनौतियों का भी डटकर सामना करता है। शिवानी गौर ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य केवल मानसिक बीमारियों से बचने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने से भी जुड़ा हुआ है। एक अच्छा मानसिक स्वास्थ्य व्यक्ति को आत्मविश्वास, सकारात्मकता और भावनात्मक स्थिरता प्रदान करता है। यह हमारे संबंधों, कार्यक्षमता और संपूर्ण जीवन पर प्रभाव डालता है। तनाव और चिंता–अधिक काम का दबाव, आर्थिक समस्याएं और व्यक्तिगत जीवन की चुनौतियां मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं। सामाजिक संबंधों की कमी–परिवार और दोस्तों से कटे रहने पर अकेलापन और मानसिक तनाव बढ़ सकता है। किसी भी रिश्ते या लक्ष्य को अपने जीवन का अंत न करने दे। “चरैवेति चरेवेति” अर्थात चलते रहना ही जीवन है। मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए ध्यान (मेडिटेशन) और योग सर्वोत्तम उपाय है। यह मन को शांत करता है और मानसिक संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। संतुलित आहार की भी भूमिका महत्वपूर्ण होती है। अपने किसी भी शौक को समय दे।कोई भी शारीरिक गतिविधि मानसिक तनाव को कम करने में मदद करती है। सकारात्मक सोच अपनाएं- नकारात्मक विचारों से बचें और खुद को प्रेरित रखने की कोशिश करें।जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञ की मदद लें–यदि किसी को भी मानसिक समस्याएं लगातार परेशान कर रही हैं, तो मनोवैज्ञानिक या काउंसलर की मदद लेने में संकोच न करें। मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना उतना ही आवश्यक है, जितना शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना। संतुलित जीवनशैली,सकारात्मक सोच और भावनात्मक जुड़ाव से हम अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति ही एक खुशहाल और सफल जीवन जी सकता है। इसलिए, मानसिक स्वास्थ्य को अनदेखा न करें और इसे संवारने के लिए हर संभव प्रयास करें। अंततः ये समझना होगा कि जाने देने का नाम भी जीवन है। किसी भी रिश्ते या लक्ष्य में ईमानदारी से हर संभव प्रयास कीजिए, परन्तु फिर भी असफलता मिले तो सहर्ष स्वीकार करें। आप के लिए सबसे महत्वपूर्ण आप खुद है, इसे माने और जीवन यात्रा पर चलते रहे।

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