
हरिद्वार की गूंज (24*7)
(नीटू कुमार) हरिद्वार। भारत द्वारा आतंकवाद के विरुद्ध किए गए ऑपरेशन सिंदूर में मीडिया की विश्वसनीयता को रेखांकित करते हुए नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स द्वारा ऑपरेशन सिंदूर में मीडिया की विश्वसनियता पर समीक्षात्मक एवं समालोचनात्मक संगोष्ठी का आयोजन किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि पारिस्थितिकी पर्यटन सलाहकार परिषद के उपाध्यक्ष (राज्यमंत्री) ओम प्रकाश जमदग्नि ने कहा कि देश और समाज हित में पत्रकारिता निष्पक्ष होनी चाहिए और देश हित सर्वोपरि होना चाहिए। उन्होंने कहा ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कई इस तरह के समाचार आए जिन घटनाओ और तथ्यों की पुष्टि किया जाना जरूरी होता है। ऐसे मामलों में संवाद प्रेषण में मीडिया को कभी भी जल्दी बाजी नहीं करनी चाहिए क्योंकि उसका देश की जनता पर व्यापक प्रभाव पड़ता है साथ ही सुरक्षा कर्मियों का मनोबल भी प्रभावित होता है। जमदग्नि ने कहा कि कई बार समाचार संबंधों के आधार पर भी लिखे जाते हैं अगर हमारे संबंध किसी से ठीक नहीं हैं तो कई लोग समाचार को उसी स दृष्टिकोण से दृष्टिकोण से लिखते हैं जबकि वह समाज के लिए ठीक नहीं होता। उन्होंने कहा पत्रकारिता स्वच्छ स्वस्थ और निष्पक्ष होनी चाहिए। वरिष्ठ पत्रकार रतनमणि डोभाल ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में जम्मू कश्मीर की जनता ने जिस तरह देश का साथ दिया उसने कई अफवाहों और अवधारणाओं को भी ध्वस्त किया है, वहाँ की जनता उस समय, देश के साथ खड़ी थी और पूरा देश ऑपरेशन सिंदूर के साथ खड़ा था जम्मू कश्मीर की आवाम के साथ देश की उन भावनाओं को आज संभाल कर रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा की युद्ध की रिपोर्टिंग एक जोखिम पूर्ण कार्य है और उसे जोखिम के बीच से समाचारों को निकाल कर लाना भी कम साहस का काम नहीं है। इस सब के बीच देश हित में पत्रकारों के एक ऐसे समूह की जरूरत है जो जन सरोकारों की पत्रकारिता करे। उन्होंने कहा पत्रकारिता में भी हर विचारधारा के लोग हैं और उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अपनी विचारधारा के हिसाब से समाचारों का चयन किया लेकिन यह खुशी की बात है कि इसके बावजूद पूरे ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देश हित की पत्रकारिता होती रही। उन्होंने उन्होंने युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि इससे सबसे ज्यादा नुकसान और कष्ट जमीनी स्तर के लोगों को झेलने पड़ते हैं जिसमें सैनिकों और देशवासियों के परिवार उनकी माता बहने और बेटियां होती हैं उन्होंने कहा की युद्ध आसान होता है लेकिन युद्ध में जो धन खर्च होता है उससे जो व्यवस्थाएं प्रभावित होते हैं वह देश तरक्की को प्रभावित कर सकती हैं। डोभाल ने कहा कि पत्रकारिता की हमेशा और हर युग में आवश्यकता रही है। टाटा बिरला को भी उस जमाने में, हिंदुस्तान की आजादी के समय, पत्रकारिता व पत्रकारों की आवश्यकता रही। सबसे पहले तो हमें अपनी पत्रकारिता को संभालकर रखने की जरूरत है। जिन्होंने संविधान की शपथ ले रखी है यह उनकी जिम्मेदारी हो जाती है। ऑपरेशन सिंदूर देश की एक महती आवश्यकता थी, लेकिन उस समय पत्रकार, चैनल, सोशल मीडिया पर क्या बोल रहे हैं, क्या चल रहा है, यह ना तो उनकी पार्टी ने रोका और न ही प्रधानमंत्री ने इसका संज्ञान लिया कि तुम यह क्या बोल रहे हो? यह क्या कर रहे हो? आज यह हमारी जिम्मेदारी हो जाती है और यह बड़ा ही चिंता का विषय भी है कि जिसकी इच्छा जो होती है राष्ट्र हित के मुद्दे पर वह कुछ भी बोले जा रहा है। इसमें उन चैनल वालों की जिम्मेदारी, सबसे बड़ी हो जाती है जो ऐसे मामलों को प्रसारित करते हैं। क्योंकि उन्हें पूरा देश सुन रहा होता है। प्रसिद्ध समाजसेवी और बीजेपी के वरिष्ठ नेता डॉ विशाल गर्ग ने कहा कि पत्रकार वह होता है जो पत्र को आकार देता है। अपने चिंतन से, अपने विचारों से और अपनी लेखनी से। वह समाज के सामने अपने विचारों के माध्यम से यह रखता है कि समाज में क्या हो रहा है, देश में क्या चल रहा है। इसलिए उसे ईमानदारी और सच्चाई से समाज के सामने देश व समाज की स्थिति को रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रिका का रूप बदल गया है उसे पर बाजार बाद हावी है सत्य को कहीं ना कहीं दबाया जा रहा है जो कलम कभी बेबाक होकर लिखती थी आज वह मीडिया हाउस में कैद है उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर पाक परस्त आतंकवादियों को भारत का करारा जवाब है पूरा देश इस घटना से और मीडिया की कवरेज से खुश है लेकिन कुछ पहलू ऐसे जरूर सामने आए हैं जिसमें मीडिया के प्रस्तुतीकरण को शंका की दृष्टि से देखा गया है इसमें मीडिया और उसे पर सवाल उठाने वाले दोनों पक्षों को चिंतन की जरूरत है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अंतरराष्ट्रीय ख्यातिलब्ध मर्म चिकित्सक एवं उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. सुनील कुमार जोशी ने कहा कि पाक प्रायोजित आतंकवाद पर सर्जिकल स्ट्राइक एक छोटी सर्जरी थी, ऑपरेशन सिंदूर एक बड़ा ऑपरेशन है जो अभी भी जा रही है उन्होंने कहा पत्रकारिता समाज का आईना है लेकिन जब उसमें संख्या बल बढ़ेगा तो गुणवत्ता का प्रभावित होना स्वाभाविक है। जोशी ने कहा ऑपरेशन सिंदूर में देश का सिर गर्व से ऊंचा करने वाली कई खबरें मीडिया में आई लेकिन कुछ खबरें ऐसी भी थी जिनकी की प्रमाणिकता मैं जनमानस के सामने कुछ सवाल भी उत्पन्न किया किया उन्होंने कहा कुछ खबरें ऐसी होती हैं जो पूरे देश के हितों को प्रभावित करती हैं ऐसे में मीडिया पर एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है कि वह सटीक और सही खबरों को दिखाएं खबरों को प्रकाशित करने से पहले उसकी प्रामाणिकता की जानकारी होना भी बहुत जरूरी है देश के मीडिया ने अपना काम पूरी जिम्मेदारी से किया। संगोष्ठी में वरिष्ठ पत्रकार शशि शर्मा ललितेंद्र नाथ एवं डॉक्टर हरिनारायण जोशी ने भी बड़ी बेबाकी से ऑपरेशन सिंदूर में मीडिया के विश्वास नेट पर अपनी बात रखें हिंदी पत्रकारिता दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित इस कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार ललितेंद्र नाथ, रामेश्वर शर्मा, रत्नमानी डोभाल, गोपाल कृष्ण बडोला, दिशा शर्मा, पल्लवी सूद को जन सरोकारों की पत्रकारिता के लिए सम्मानित किया गया। उत्कृष्ट फोटो जर्नलिज्म के लिए बालकृष्ण शर्मा तथा ख्यातिलब्ध वरिष्ठ पत्रकार स्व. स्वर्गीय कमलकांत बुधकर की पत्नी संगीता बुधकर को भी सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त हरपाल सिंह, राहुल शर्मा, मुकेश कुमार सूर्या, भगवती प्रसाद गोयल, प्रमोद कुमार, विक्रम सिंह सिद्धू, नवीन कुमार सूर्या सिंह राणा, शशि शर्मा संजू पुरोहित, धर्मेंद्र कुमार, अमित कुमार मंगोलिया नवीन चंद्र पांडे, प्रभाष भटनागर, गणेश भट्ट, चौधरी महेश सिंह तथा धीरेंद्र सिंह रावत को भी उनके द्वारा हिंदी पत्रकारिता में किए जा रहे योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इससे पूर्व यूनियन की जिला अध्यक्ष सुदेश आर्या, महासचिव मुकेश कुमार तथा पदाधिकारियों ने आगंतुक अतिथियों का माल्यार्पण कर अभिनंदन किया कार्यक्रम का संचालन मुकेश कुमार सूर्य एवं त्रिलोक चंद्र भट्ट ने किया।