भक्तों के सभी मनोरथ सिद्ध करती है मां सिद्धिदात्री: स्वामी कैलाशानंद गिरी
राजेश कुमार उत्तराखंड प्रभारी
हरिद्वार की गूंज (24*7)
(राजेश कुमार) हरिद्वार। निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी ने नवमी पर श्री दक्षिण काली मंदिर में 101 कन्याओं का पूजन कर देवी स्वरूपा कन्याओं से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि नवरात्र सनातन धर्म का महत्वपूर्ण पर्व है। नवरात्र में नौ दिनों तक मां भगवती की आराधना के पश्चात नवमी को कन्या पूजन करने से साधक को विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है। नवरात्र के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा आराधना की जाती है। भक्तों के सभी मनोरथों को सिद्ध करने के कारण मां भगवती को सिद्धिदात्री कहा गया है। शास्त्रीय पद्धति से परम करुणामयी सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना से भक्तों के सभी कार्य सिद्ध होते हैं। बाधाएं समाप्त होती हैं एवं सुख व मोक्ष की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि कन्या पूजन से ही नवरात्र आराधना पूर्ण होती है। सभी श्रद्धालुओं को कन्या पूजन के साथ उनके संरक्षण संवर्द्धन का संकल्प भी अवश्य लेना चाहिए। यही नवरात्र आराधना की पूर्णता है। इस अवसर पर स्वामी अंवतिकानंद ब्रह्मचारी, बालमुकुन्दानन्द ब्रह्मचारी, आचार्य पवन दत्त मिश्रा, आचार्य प्रमोद पांडे, स्वामी कृष्णानंद ब्रह्मचारी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।