होली और रमजान के दूसरे जुमा पर रुड़की जामा मस्जिद में देखने को मिली हिंदू-मुस्लिम सौहार्द की मिसाल, दी एक दूसरे को गले मिलकर बधाई
इमरान देशभक्त रुड़की प्रभारी

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(इमरान देशभक्त) रुड़की। होली और जुमे को लेकर पूरे देश में जहां भ्रामक प्रचार किया गया। वहीं होली के दिन रूड़की नगर के मोहल्ला सोत स्थित जामा मस्जिद में जुमे की नमाज़ के समय एक अदभुत सद्भावना का नजारा देखने को मिला। मुस्लिम समाज के लोगों ने हिंदू समाज के भाईयों को रंग और होली की टोपियों पेश कर होली की मुबारकबाद पेश की, तो हिन्दू भाईयों ने भी मुस्लिमों को अफ्तार के लिए गुंजिया भेंट की।सोत व सत्ती मोहल्ले के पार्षदों शिवम अग्रवाल व संजीव राय टोनी सहित अनेक हिन्दू भाइयों ने जुमा की नमाज के समय जामा मस्जिद पहुँच कर मुस्लिम समाज के लोगों एवं धर्मगुरुओं को रोजा अफ्तार के लिए गुंजिया के डिब्बे पेश किए, जबकि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सद्भाव को आगे बढ़ाते हुए हिन्दू भाइयों को होली की टोपी व रंग भेंट किए।
उत्तराखंड नागरिक सम्मान समिति के संयोजक अंतरराष्ट्रीय शायर अफजल मंगलौरी ने बताया कि पिछले बारह वर्षों से पार्षद संजीव राय टोनी जामा मस्जिद में रात को नमाज तरावीह के समय पीने के पानी के कैम्पर रखवाते चले आ रहे हैं, जबकि रामलीला व गुरू पर्व के जुलूस के अवसर पर कुछ मुस्लिम समुदाय के लोग प्याऊ लगाते हैं, यही रुड़की नगर की एकता की मिसाल वर्षों से चली आ रही है। समाज सेवी मनोज अग्रवाल व बाबूराम सैनी ने कहा कि रुड़की हमेशा हिन्दू मुस्लिम एकता व सद्भावना का नगर रहा है। मुफ्ती मोहम्मद सलीम अहमद ने अपने संदेश में कहा कि इस्लाम धर्म सभी धर्मों के सम्मान और मानवता का सन्देश देता है।
ईद पर हमारे हिन्दू भाई ईदगाह आ कर गले मिलते हैं। वरिष्ठ समाजसेवी इंजीनियर मुजीब मलिक ने रमजान और होली की मुबारकबाद पेश करते हुए जुमे की नमाज शांतिपूर्ण तरीके से कराए जाने पर प्रशासन व पुलिस का आभार व्यक्त किया। रमजान के दूसरे जुमे की नमाज मुफ्ती मोहम्मद सलीम ने पढ़ाई। नमाज़ से पूर्व अपने खुत्बे में मदरसा अरबिया रहमानिया के प्रधानाचार्य मौलाना अहजहरुल हक ने रमजान की फजीलत बयान की।
इस अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी ई० मुजीब मलिक, काजी शकील अल्वी, मौलाना अरशद कासमी, मोफीक अहमद, अमित वर्मा, मोहम्मद दानिश, शम्भू प्रसाद, हाजी मोहम्मद सलीम खान, जावेद अख्तर एडवोकेट, हाजी नौशाद अहमद, शेख अहमद जमा, हाजी लुकमान कुरैशी, इरशाद पहलवान, काजी नसीम अहमद, कौसर सिद्दीकी एडवोकेट, अताउर रहमान अंसारी, सोहेब मलिक, दिनेश सैनी, शेख महताब अली, बिट्टू, गौरव सैनी, इमरान देशभक्त, शाहरुख कुरैशी, नदीम शम्सी, हाजी अकरम, नौशाद अली मौजूद रहे।