ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना की वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट पर एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न
अक्षय कुमार हरिद्वार संवाददाता

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(अक्षय कुमार) हरिद्वार। मुख्य विकास अधिकारी के निर्देशन में आज विकास भवन रोशनाबाद स्थित सभागार में ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना की वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट (Annual Work Plan & Budget–FY 2025-26) पर आधारित एक दिवसीय महत्वपूर्ण कार्यशाला/बैठक का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला की अध्यक्षता जिला परियोजना प्रबंधक श्री संजय सक्सेना द्वारा की गई। बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 के दौरान परियोजना के अंतर्गत संचालित गतिविधियों की गहन समीक्षा की गई। लक्षित कार्यों के प्राप्त आउटपुट और आउटकम पर विस्तृत चर्चा करते हुए कार्यान्वयन की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने पर जोर दिया गया। बैठक का मुख्य फोकस आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लक्ष्यों का निर्धारण, वितरण और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर रहा।
मधुमक्खी पालन गतिविधि पर विशेष रूप से चर्चा की गई, जिसे ग्रामीण आजीविका सृजन के एक प्रभावी माध्यम के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस गतिविधि की वर्तमान स्थिति, विस्तार की संभावनाएं और क्षेत्रीय स्तर पर इसके प्रभाव को लेकर विस्तृत संवाद हुआ।
इसके अतिरिक्त, विभिन्न गतिविधियों के सुचारू संचालन हेतु स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP), निगरानी प्रणाली एवं कार्यान्वयन रणनीतियों पर भी विचार-विमर्श किया गया। सभी सहभागी स्टाफ को कार्यों के निष्पादन में गुणवत्ता एवं समयबद्धता बनाए रखने हेतु आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान किया गया।
इस अवसर पर परियोजना निदेशक, डीआरडीए के०एन तिवारी ने भी बैठक में भाग लिया और चल रही गतिविधियों की समीक्षा करते हुए उपयोगी सुझाव एवं दिशा-निर्देश दिए। जिला परियोजना प्रबंधक श्री संजय सक्सेना द्वारा उन्हें परियोजना की प्रगति, उपलब्धियों एवं आगामी योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की गई, जिस पर उन्होंने संतोष व्यक्त किया।
इस कार्यशाला में जिला परियोजना कार्यालय के सहायक प्रबंधक, वाईपी–केएम/आईटी, समस्त विकासखंड स्तरीय स्टाफ एवं सीएलएफ स्तरीय टीमों ने सक्रिय भागीदारी की। प्रतिभागियों ने परियोजना के उद्देश्यों की पूर्ति और ग्रामीण क्षेत्रों में सकारात्मक परिवर्तन लाने हेतु अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। यह कार्यशाला ग्रामोत्थान परियोजना के आगामी लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगी तथा परियोजना को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने में मील का पत्थर साबित होगी।