ऑनलाइन आर्य महिला संगोष्ठी, स्वामी दयानंद ने महिलाओं के लिए खोले शिक्षा के द्वार
गाजियाबाद संवाददाता (विपिन कुमार सिंह)
केंद्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वाधान में आर्य महिला संगोष्ठी ऑनलाइन गूगल मीट का आयोजन हुआ। जिसमें केंद्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि 19वीं सदी में भारतीय समाज में नारी की दशा बहुत ही दयनीय थी। आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती ने नारी को पुरुष के समान अधिकार दिया। स्त्री जाति के लिए उन्होंने शिक्षा के द्वार खोल दिए। महर्षि स्वामी दयाननंद सरस्वती के निर्देश पर आर्य समाज ने पूरे देश में कन्या पाठशाला एवं गुरुकुल खोल दिए। आर्य समाज ने बाल विवाह, सती प्रथा जैसी कुरीतियां बंद करवाई। विधवाओं को पुनर्विवाह का अधिकार प्रदान कर आर्य समाज ने नारी सशक्तिकरण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। सबसे पहला कन्या महाविद्यालय स्वामी श्रद्धानंद ने जालंधर में खोल कर बालिकाओं को शिक्षा का अधिकार दिया। आर्य नेत्री शिक्षाविद अर्चना पुष्करणा ने कहा कि स्वामी दयानंद ने जन सामान्य को समझाया कि शिक्षा के बिना व्यक्ति अधूरा है। नारी भी जब तक शिक्षित नहीं होगी तब तक जागरुक नहीं हो सकती। वह अपने अस्तित्व व महत्व को नहीं समझ सकती। वेदों की विद्या जो ताले में बंद थी तो देव दयानंद ने उसकी कुंजी न केवल पुरुषों के लिए अपितु स्त्रियों के लिए भी सुलभ करवाई। प्रांतीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि वर्तमान समय में नारी सभी क्षेत्रों में पुरुष के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है। नारी को समाज के नवनिर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान निभाना होगा तभी एक सभ्य समाज का निर्माण हो सकता है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रधान शिक्षक सौरभ गुप्ता ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए आर्य युवती परिषद को सशक्त संगठन बनाने का आह्वान किया। परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने आगामी दो वर्ष के लिए उर्मिला आर्या को आर्य युवती परिषद का अध्यक्ष मनोनीत किया और उन्हें शेष कार्यकारिणी बनाने का अधिकार दिया। इस दौरान आर्य रत्न संगीता आर्या, चंद्रकांता आर्या, संध्या पांडेय, सोहनलाल, डॉ रचना चावला, दीप्ति, सपरा, प्रतिभा, गीता गर्ग, उषा आहूजा, नरेश खन्ना, पुष्पा, उर्मिला आर्या (गुरुग्राम) आदि ने गीत संगीत से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में आचार्य महेंद्र , आनंद प्रकाश आर्य (हापुड़), डॉ सुषमा आर्या, आनंद स्वरूप चावला (फरीदाबाद),बीणा वोहरा, रचना आहूजा, विजया रानी शर्मा, राजेश मेहंदीरत्ता ने मुख्य भूमिका निभाई।