पहाड़ और मैदान की राजनीति करने वालों के विरुद्ध पर्वतीय मैदानी एकता मंच की बैठक का आयोजन
मोहम्मद आरिफ उत्तराखंड क्राइम प्रभारी

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(मोहम्मद आरिफ)हरिद्वार। उत्तराखण्ड में कुछ चुनिंदा लोगों के द्वारा भड़काऊ भाषण दिए जा रहे पहाड़ और मैदान को लेकर जिस पर सरकार की तरफ सवाल खड़े किए जा रहे हैं। इन्हीं मुद्दों से संबंधित पर्वतीय मैदानी एकता मंच ने सुभाष नगर स्थित एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया है। जिसमें पर्वत और मैदान को एक करने की बात रखी गई है। और पर्वतीय मैदानी एकता मंच के अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने कहा कि बैठक का उद्देश्य जो हमने पर्वतीय मैदानी एकता मंच बनाया है उसको आगे बढ़ाने के लिए लोगों के विचार जानना था। इसमें ज्यादातर विचार यही सामने आया है कि हम पर्वत मैदानी भाई-भाई हैं। जिन लोगों के द्वारा पर्वत और मैदान में फर्क डालने की कोशिश की जा रही है। हम उनका विरोध कैसे कर सकें। जिस पर बैठ कर में उपस्थित सब लोगों ने अपने अपने विचार रखे हैं। और सभी के विचारों से यही सामने आया के पर्वतीय और मैदाननी सब भाई हैं। हम अलग नहीं हैं कभी नहीं होंगे। और हमेशा एक दूसरे के साथ सुख दुख में खड़े रहेंगे और कदम से कदम मिलाकर साथ चलेंगे। साथ ही उन्होंने सरकार के ऊपर भी सवाल खड़े किये हैं और कहा कि सरकार इस बयान पर मौन क्यों है। ऐसे लोगों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। या सरकार की भी इसमें सहमति है जो बिलकुल भी ठीक नहीं है। प्लेन और पहाड़ के लोग एक मोती की माला के तरह एक ही सूत्र में बंदे हैं। हमें एक साथ रहना है। और जो लोग प्लेन पहाड़ की मानसिकता फैला रहे हैं ऐसे लोगों को सरकार को उठाकर जेल में बंद कर देना चाहिए। पर्वतीय मैदानी एकता मंच की उपाध्यक्ष लक्ष्मी अग्रवाल ने बताया कि हम देख रहे हैं कि उत्तराखंड में जो आजकल ट्रेंड चल रहा है कुछ वर्षों से कुछ चंद लोगों के द्वारा जिस तरह से मैदानी और पहाड़ के लोगों के बीच में खाई पैदा करने का जो काम किया जा रहा है उसको बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। ऐसे लोगों के मंसूबे हम कभी कामयाब नहीं होने देंगे। इसलिए हमारे द्वारा पर्वतीय मैदानी एकता मंच तैयार किया गया है। हम पर्वत और मैदान को एक साथ संजोकर रख सके। उन्होंने बताया कि मैं खुद उत्तराखंड की हूं मैं पहाड़ की बेटी हूं और प्लेन की बहू भी हूं हमें तो दिक्कत नहीं और हम समाज में ही रहते हैं। हमें कहीं इस तरह की बातें नजर नहीं आ रही। लेकिन कुछ लोग जानबूझकर इस तरह का भेदभाव पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। हम ऐसे लोगों का घोर विरोध करेंगे। हमें चाहे किसी स्तर पर भी जाना पड़े। हम उत्तराखंड की लड़ाई लड़ सकते हैं। तो हम ऐसे लोगों के खिलाफ डट कर मुकाबला भी कर सकते हैं। और प्रदेश महिला अध्यक्ष किरण सिंह ने बताया कि पर्वतीय मैदानी एकता मंच का उद्देश्य एकता को बढ़ावा देना है और बहुत जल्द हमारे द्वारा हरिद्वार में एक बड़े स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। जिसमें सिर्फ पहाड़ और प्लेन की एकता की बात और एकता से संबंधित विचारों को सबके साथ साझा किया जाएगा। उन्होंने कहा ऐसा नहीं कि पहाड़ के सारे लोग मैदानियों का विरोध कर रहे हैं कुछ चुनिंदा लोग हैं जो समाज को भड़काने की और भेदभाव पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन हम जानते हैं कि उत्तराखण्ड वासी उनके मंसूबे कभी कामयाब नहीं होने देंगे और उन्होंने कहा कि जैसे एक सिक्के के दो पहलू होते हैं। इसी तरह पर्वत और मैदानी भी एक सिक्के के दो पहलू हैं जिस तरह से एक पहलू के बिना दूसरे की कल्पना नहीं की जा सकती है। उसी तरह ना पहाड़ के बिना मैदान की ना मैदान के बिना पहाड़ कल्पना की जा सकती है और जो लोग आग में घी डालने की कोशिश कर रहे हैं हम उन्हें चेतावनी देते हैं कि वो सुधर जाए। नहीं तो सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई उनके खिलाफ कराएंगे। उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि उत्तराखण्ड को उत्तराखण्ड ही रहने दे। पर्वतीय मैदानी एकता मंच के सदस्य सुरिंदर ठाकुर ने बताया कि जो पर्वतीय मैदानी एकता मंच है इसके सौजन्य से लोगों ने अपने विचार रखे। जिससे पता चला यह कुछ लोगों की पीड़ा नहीं।न, पूरे उत्तराखंड की पीड़ा है उन्होंने कहा जब छोटी सी बात पर प्रेम चंद अग्रवाल पर एक्शन लिया जा सकता है तो, जो यह भेदभाव पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं उनके के खिलाफ एक्शन क्यों नहीं लिया जा रहा है। सरकार चुपचाप क्यों सुन रही है। हम चाहते हैं सरकार इन लोगों पर जल्द से जल्द कार्रवाई करें। ताकि और लोग ऐसे बयान न दे सके और सबको पता चले कि उत्तराखण्ड एक है और एक ही रहेगा। बैठक में पर्वतीय मैदानी एकता मंच के अध्यक्ष पीके अग्रवाल, उपाध्यक्ष लक्ष्मी अग्रवाल, कुलवंत सिंह चड्ढा, आरती तिवारी, प्रेमचंद हितैषी, किरण सिंह, अनु शर्मा, अनिल राणा, राजिंदर कुमार मौर्य, रणवीर सिंह सैनी, शिव कुमार, रोहित चौहान, उदय बंसल, सुरेन्द्र ठाकुर, आकांक्षा, आराधना पाण्डे, बिक्रमजीत सिंह,दीप्ति, सुरिंदर पाल, प्रवेश कुमार बिंदल, शान्ति विश्वास, योगेश सैनी, नीरज यादव, संदीप कुमार, जगदीश, आदि सदस्य उपस्थित रहे।











