हरिद्वार

बीजेपी के पूर्व सांसद एवं वरिष्ठ पत्रकार मिन्ना की दूसरी पुण्य तिथि पर भावभीनी श्रद्घांजलि अर्पित की

स्व. अ‌श्विनी कुमार को श्रद्घांजलि अर्पित करते हुए व्यापारी एवं पत्रकारगण

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(वेद प्रकाश चौहान मुख्य सह सम्पादक) हरिद्वार। बीजेपी के पूर्व सांसद एवं वरिष्ठ पत्रकार अश्विनी कुमार मिन्ना की दूसरी पुण्य तिथि के अवसर पर उन्हें भावभीनी श्रद्घांजलि अर्पित की गयी और वक्ताओं ने अपने सम्बोधन में स्व. अश्विनी कुमार के चरण चिन्हों पर चलने के लिये पत्रकारों को आहवान किया। इस मौके पर प्रिंट एवं इलैक्ट्रोनिक्स जर्नलिस्ट एसोशिएशन के प्रदेशाध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रकाश चौहान ने कहा कि दिल्ली पंजाब केसरी का प्रकाशन एक जनवरी 1983 को हुआ था और आज पूरे 39 वर्ष बीतने के बाद भी ऐसा लगता है कि मानों कल ही कि बात है। अश्विनी कुमार मिन्ना कैंसर से जूझते हुए भी अपनी आत्मकथा लिखते रहे। वह हमेशा से ही सत्य के मार्ग पर चले, उनकी लेखनी कभी नहीं रुकी, वे कभी नहीं झुके, यह राष्ट्र की अस्मिता की संवाहक है, यह राष्ट्र को समर्पित है। इस मौके पर हरिद्वार पंजाब केसरी के ब्यूरो प्रमुख संजय चौहान ने कहा कि 18 जनवरी का दिन कभी भुलाया नहीं जा सकता। श्री मिन्ना जी के परिवार का इतिहास स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा हुआ है। मिन्न अक्सर अपनी लेखनी के जरिए अमर शहीद लाला जगत नारायण और शहीद रमेश चंद्र की स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी बाते लिखा करते थे, जिन्हें पढ़कर हमें बेहद ही गौरव महसूस होता था। जिस प्रकार स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी अमर शहीद लालाजी और अमर शहीद रमेश ने पत्रकारिता को लक्ष्य बनाया था, उसे आज भी याद किया जाता है। इस मौके पर पत्रकार रजत चौहान ने कहा कि अश्विनी कुमार को मिशनरी पत्रकारिता अपनी विरासत में मिली थी। जिस प्रकार उनके दादा लाला जगत नारायण कभी ब्रिटिश हुकूमत से नहीं डरे थे व उनके पिता स्व. रमेश चन्द कभी खालिस्तानी आतंकवादियों से नहीं डरे थे। उसी प्रकार अश्विनी कुमार भी पंजाब केसरी में बेबाक लिखते रहे। इस मौके पर पत्रकार ऋषभ चौहान ने कहा कि स्व. अश्विनी कुमार ने पत्रकारिता को उसी प्रखता के साथ जारी रखा, जिसकी नींव पूजनीय अमर शीहीद लाला जगत नारायण एवं अमर शहीद स्व. रमेशचंद जी ने रखी थी, साथ ही जिस जद्दोजहद को उन्होंने अपना सम्पादकीय धर्म बनाया था, उतनी ही जद्दोेजहद उन्होंने आत्मकथा लिखने में की थी, जिसके पढ़कर हम गर्व महसूस करते रहे। इस मौके पर वरिष्ठ छायाकार रामेश्वर गौड़ ने कहा कि अश्विनी कुमार पत्रकारिता के क्षेत्र में हर दिल अजीज पत्रकार थे। देश के अधिकांश लोग उनका सम्पादकीय लेख पढने के लिये सुबह से ही बैचैन रहते थे। स्व. अश्विनी कुमार ने अपने जीवन काल में मिशनरी पत्रकारिता के शिखर को छू लिया था। उनका लेख आने वाले समय में पाठकों को झकझोरते रहेंगे। इस मौके पर सबसे पहले पत्रकारों ने मिन्ना जी के चित्र पर पुष्प अर्पित करके उन्हें भावभीनी श्रद्घांजलि दी। आज उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में मुख्य रूप से संजय चौहान, वरिष्ठ छायाकार रामेश्वर गौड़, गंगा शरण अरोड़ा, श्रवण झा, अविक्षित रमन, रामनाथ, किशोर, कपिल अरोड़ा, ऋषभ चौहान, अविनाश गुप्ता, घनश्याम, सुरेश, बलवीर सिंह चौहान, मनीष कुमार, अमित कुमार, दीपक नौटियाल आदि काफी पत्रकार मौजूद रहे।

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