हरिद्वार की गूंज (24*7)
हरिद्वार का सबसे मशहूर हो चुुुका ओम पुल घने कोहरे की चादर में लिपटा हुआ
(संजय चौहान) हरिद्वार। तीर्थनगरी में आधा जनवरी बीत जाने के बाद ठंड ने लोहड़ी पर्व पर अपना असर दिखाया है। समूचा शहर घने कोहरे की आगोश में लिपटा रहा। कोहरे और शीतलहर के प्रकोप के चलते कड़ाके की ठंड से लोग कंपकंपाते रहे। लोगों को ठिठुरन से बचने के लिए गर्म कपड़ों के साथ अलाव का सहारा लेना पड़ा। दोपहर बाद सूरज के दर्शन होने पर लोगों ने हाड़ कंपाने वाली सर्दी से कुछ राहत महसूस की। गुरूवार तड़के लोहड़ी के विशेष पर्व पर लोगों की नींद खुली तो कड़ाके की ठंड का अहसास हुआ। बाहर निकले तो घने कोहरे और शीतलहर ने हाथ पैर सुन्न कर दिए। सुबह लोगों ने ठिठुरते हुए जरूरी कार्य निपटाए। खास और आम लोग यही कहते नजर आए ठंड ने आज अपना असर दिखाया है। हाड़ कंपाने वाली ठंड के चलते अधिकांश लोग घरों में दुबके रहे। सार्वजनिक स्थान अलकनंदा घाट, रेलवे स्टेशन, बस अड्डा में ठिठुरन से बचने के लिए लोग अलाव सेकते नजर आए। सूरज घने कोहरे की ओट में छिपे रहे, जिससे ठंड का प्रभाव ओर पड़ा। दोपहर करीब डेढ़ बजे के बाद कोहरे की हलकी चादर हटी और सूरज ने दर्शन दिए। गुनीगुनी धूप खिलने से लोगों को ठंड से काफी हद तक निजात मिली। वहीं, बिरला घाट में आरती स्थल और आसपास घने कोहरे के कारण करीब 20 से 25 मीटर आगे तक कुछ नहीं दिखायी दे रहा था। आस्थापथ पर भी कोहरे का डेरा रहा। वहीं, अलकनंदा घाट सहित ओम पुल तक यहां सुबह की सैर करने वाले कम लोग ही रहे। ठंड के सितम से जनजीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त रहा।