
हरिद्वार की गूंज (24*7)
(गगन शर्मा) हरिद्वार। पिछले कुछ दिनों से बहुचर्चित श्मशान घाट अजीतपुर के विषय पर गुरुवार को प्रेस क्लब हरिद्वार में ग्राम प्रधान अजीतपुर ने प्रेस वार्ता कर अपना पक्ष मीडिया के समक्ष रखा। उन्होंने वार्ता के माध्यम से बताया कि ग्रामीणों ने खुली बैठक में श्मशान घाट निर्माण कि माँग उठाई तो उनके द्वारा जिलाधिकारी हरिद्वार को श्मशान घाट निर्माण के संबंध में पत्र लिखा गया था जिसको आज उन्होंने मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक भी किया। तब उनके संज्ञान में आया कि नमामि गंगे परियोजना से एक श्मशान घाट बनाने का कार्य ग्राम अजीतपुर में होना है तो ग्राम प्रधान द्वारा नमामि गंगे के अधिकारियों से भेंट कर निर्माण जल्द ही शुरू करने कि बात रखी गई। इस बारे में संबंधित क्षेत्र के लेखपाल द्वारा निरीक्षण के पश्चात भूमि चयनित कर उस भूमि पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया, किंतु निर्माण के दौरान कुछ समय बाद ही सिचाई विभाग द्वारा ग्राम प्रधान के नाम एक नोटिस जारी कर दिया गया और अधूरे निर्माण को ध्वस्त करने कि बात नोटिस के माध्यम से कही गई। तब ग्राम प्रधान द्वारा न्यायालय के माध्यम से सिचाई विभाग से मिले नोटिस के बाबत स्पष्टीकरण मांगा गया और पूछा गया जब कार्यदायी संस्था नमामि गंगे है तो आपने नमामि गंगे परियोजना निदेशक एवं संबंधित अन्य अधिकारियों को पार्टी ना बनाकर ग्राम प्रधान अजीतपुर को पार्टी क्यों बनाया गया? उसके कुछ समय बाद ग्राम प्रधान के पास जिला कोर्ट से एक नोटिस प्राप्त हुआ जिसमें पता चला कि नरेश गुप्ता द्वारा सिविल जज कोर्ट में प्रस्तुत की याचिका में उक्त शमशान घाट निर्माण कि भूमि को अपनी निज़ी भूमि बताया जा रहा है और निर्माण रोकने कि बात कोर्ट में कही जा रही है तब स्थानीय पुलिस ने भी कोर्ट का आदेश है बताते हुए अनिश्चित काल तक कार्य रोकने कि बात कही और तभी से कार्य रुका हुआ है। लेकिन आज प्रेस वार्ता कर ग्राम प्रधान ने सरकार और जिला प्रशासन से निवेदन किया गया कि रुका हुआ निर्माण कार्य जल्द से जल्द शुरू कराया जाए और ग्रामीणों कि भावनाओं के साथ अन्याय न किया जाए।