हरिद्वार

प्रो० महावीर अग्रवाल का निधन, पंचतत्व में विलीन, शिक्षा जगत में शोक की लहर

राजेश कुमार हरिद्वार संवाददाता

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(राजेश कुमार) हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के पूर्व आचार्य, उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व उपकुलपति एवं पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति संस्कृत के सुप्रसिद्ध साहित्यकार प्रो० महावीर अग्रवाल का लम्बी बीमारी के चलते निधन हो गया है। यह जानकारी उनके बड़े पुत्र डा० रजत अग्रवाल ने दी। प्रो० महावीर अग्रवाल के निधन की सूचना मिलते ही शिक्षा जगत में शोक की लहर व्याप्त हो गयी। पिछले कुछ समय से अस्वस्थता के चलते प्रो० महावीर अग्रवाल का इलाज बैंगलोर स्थित चिकित्सालय में चल रहा था। डा० रजत अग्रवाल ने बताया कि कल बैंगलोर से उनका पार्थिव शरीर हरिद्वार उनके निवास स्थान लाया गया और उनका अंतिम संस्कार कनखल श्मशान घाट में किया गया। इस तरह प्रोफेसर महावीर अग्रवाल पंचायत में विलीन हो गए। उनके अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।
उनके निधन की सूचना मिलते ही शिक्षा जगत व आर्य जगत के विभिन्न विद्वानों ने प्रो० महावीर अग्रवाल के निधन को शिक्षा जगत व आर्य जगत के लिए अपूर्णीय क्षति बताया है। जो गुरु स्वामी रामदेव एवं आचार्य बालकृष्ण ने प्रोफेसर महावीर अग्रवाल के निधन पर गहरा दुख जताया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्यपाल रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने उनके निधन पर गहरी संवेदना प्रकट की। गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय की कुलपति प्रो० हेमलता के० व कुलसचिव प्रो० सुनील कुमार ने प्रो० महावीर अग्रवाल के निधन को विश्वविद्यालय के लिए अपूर्णीय क्षति बताते हुए उनके द्वारा शिक्षा जगत व आर्य जगत में किए गए कार्यों को अविस्मरणीय व बहुमूल्य बताते हुए ईश्वर से उनके परिजनों के इस कष्ट को सहन करने की प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि प्रो०महावीर अग्रवाल शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों के लिए हमेशा याद किए जायेंगे। विदित हो कि शिक्षा के क्षेत्र में किए गए बहुमूल्य योगदान के लिए प्रो० महावीर अग्रवाल को राष्ट्रपति द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में सम्मानित किया गया वहीं वह विभिन्न विश्वविद्यालयों की समितियों के सदस्य भी रहे इसके साथ ही वह उत्तराखण्ड संस्कृत अकादमी के सचिव, उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति तथा पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। परिवार में उनकी धर्मपत्नी तथा दो पुत्र तथा पुत्री हैं।

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