हरिद्वार की गूंज (24*7)
(गगन शर्मा) हरिद्वार। हरिद्वार के ग्राम बहादुरपुर जट में चल रही रामलीला में देर रात भारत मिलाप का दृश्य दिखाया गया। रामलीला के डायरेक्टर धर्मेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि उद्घाटन में पहुंचे अमित कौशिक, वीरेंद्र चौधरी का रामलीला कमेटी के सदस्यों ने श्री राम दरबार की प्रतिमा देकर उनका सम्मान किया। उन्होंने रामलीला के आयोजन के लिए सभी ग्राम वासियों और रामलीला कमेटी को बधाई और शुभकामनाएं दी। पिता की आज्ञा पाकर रामचंद्र जी 14 वर्षों के लिए वनों में जाते हैं। जब भरत अयोध्या लौटते हैं। तो उन्हें अपने पिताजी की मृत्यु के बारे में पता लगता है। जिसे सुनकर वह कैकई पर बहुत क्रोधित होते हैं। गुरु वशिष्ठ और सभी नगर वासी उन्हें सिंहासन पर बैठने को कहते हैं। परंतु भरत कहते हैं कि सिंहासन पर रामचंद्र जी का अधिकार है। भरत, शत्रुघ्न, केकई, कौशल्या और गुरु वशिष्ठ के साथ जंगल में रामचंद्र जी के पास जाते हैं। और उन्हें वापस अयोध्या आने का आग्रह करते हैं। परंतु रामचंद्र जी कहते हैं की मुझे 14 वर्ष वनों में रहने की आज्ञा है। मैं किसी भी हालत में वापस नहीं आ सकता हूं। तब भरत रामचंद्र से खड़ाऊ लेकर वापस अयोध्या आते हैं और उन्हें सिंहासन पर रखकर सेवक के रूप में अयोध्या के शासन को चलते हैं। भरत का अभिनय बादल शर्मा, श्री राम का अभिनय कृष्ण पाल, राजदूत का अभिनय रमेश कुमार ने किया। रामलीला कमेटी में प्रधान धीर सिंह, डायरेक्टर धर्मेंद्र सिंह चौहान, अध्यक्ष नितिन शर्मा, ललित चौधरी, शिव चौधरी, अमन कश्यप, जोगिंदर कश्यप अरविंद चौधरी, छोटन लाल निशु कुमार आदि रहे।











