अपने चहेतो की पैरवी के लिए रिटायर्ड सीओ साहब पहुंचते है थाने, चर्चाएं तेज
राजेश कुमार/अब्दुल सत्तार

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(राजेश कुमार/अब्दुल सत्तार) हरिद्वार। उत्तराखंड जिले हरिद्वार का एक मामला शहर में खूब चर्चा बटोर रहा है। आज के युग से पहले एक जमाना हुआ करता था जब सब एक दूसरे को लेकर साथ चलते थे। पर जैसे-जैसे जमाना बदलता रहा वैसे-वैसे लोग बदलते रहे और अपना नाम, शान और लोगो के बीच रह कर दिखावा करने के लिए अपना दबदबा बना रहे है। जी हां शहर में चर्चा है कि रिटायर्ड सीओ साहब अपने चिहितों की पैरवी के लिए थाने से लेकर कोतवाली तक पहुंच जाते है। जहां पुलिस विभाग में तैनात कर्मियों के साथ-साथ लोगों की बीच चर्चाओं का बाजार गर्म हो जाता है। चर्चा है कि दो पक्षों में हुए लड़ाई झगड़े में रिटायर्ड सीओ साहब अपने चहितों की पैरवी के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। जिसके चलते लोगों के बीच तरह-तरह की चर्चाएं सुनने को मिल रही है। तो वहीं एक पीड़ित पक्ष ने रिटायर्ड सीओ पर ही आरोप लगा दिए है। चर्चाएं तो यहां तक है कि कुछ महीने पहले रिटायर्ड सीओ साहब अपने कुछ निजी काम के लिए एक सेंटर पहुंचते हैं जहां अच्छी खांसी भीड़ थी। हैरत की बात तो तब देखने को मिली जब कुछ ही मिनटों में ज्वालापुर कोतवाली में तैनात दो कांस्टेबल पुलिस कर्मी पहुंचते है, और 112 का हवाला देते हुए भीड़ को साइड करके बड़ी आसानी से कार्य कराने में सफल हो जाते है, ये चर्चा भी लोगो के बीच एक सेंटर में खूब सुनने को मिली थी। शहर में चर्चा बनी हुई है कि किसी भी मामले को लेकर पहुंचना थानाध्यक्ष या कोतवाली प्रभारी पर पहले ही दबाव बना लिया जाता है, और फिर दूसरे पक्ष की सुनवाई होती तो है पर वो सुनवाई इतनी लेट की जाती है जैसे जाम के समय सड़कों पर गाड़िया चींटी की तरह चलती है। तो वहीं चर्चा है कि हरिद्वार जिले में बैठे कुछ पुलिस अधिकारियों के चलते पीड़ितों को इंसाफ मिलता है।











