देहरादून

चिकित्सको, मेडिकल छात्रों के उग्र प्रदर्शन व मोब लीनचिंग को देख इमरजेंसी एंट्री से निकाला गया था अभियुक्त को बाहर: एसएसपी अजय सिंह

राजेश कुमार देहरादून प्रभारी

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(राजेश कुमार) ऋषिकेश। जूनियर डॉक्टर से छेड़खानी करने के मामले में एम्स ऋषिकेश की चौथी मंज़िल में पुलिस वाहन ले जाने के मामले में स्वयं से हर पहलू पर जांच करने के उपरांत पुलिस कप्तान अजय सिंह द्वारा स्पष्ट किया गया है कि अभियुक्त को भीड़ के बीच से बचाने के लिए एम्स के सुरक्षा अधिकारी के कहने पर पुलिस की गाड़ी को चौथी मंजिल पर मनोचिकित्सक वार्ड पर इमरजेंसी स्लोप से ले जाया गया था। अभियुक्त को ले जाने के दौरान छात्रों की भीड़ द्वारा पुलिस के वाहन को प्रथम मंज़िल पर रोक लिया गया था,जिसके उपरान्त सुरक्षा अधिकारी के कहने पर पुलिस वाहन को मरीजों के लिए बनाये गए वेटिंग एरिया से भेजा गया था। पुलिस कप्तान ने मामले में जांच के उपरांत जानकारी देते हुए बताया कि 19 मई को एम्स के ट्रॉमा सेंटर के ओटी में नर्सिंग ऑफिसर सतीश कुमार द्वारा महिला डॉक्टरो के साथ छेड़छाड़ की गई थी, जिसके संबंध में महिला चिकित्सको द्वारा एम्स प्रशासन को शिकायत दर्ज करवाई गई थी। मामले में जांच को एम्स प्रशासन द्वारा आंतरिक समिति का गठन करते हुए 21 मई को नर्सिंग ऑफिसर सतीश कुमार को निलंबित किया गया था व प्रशासन द्वारा ऋषिकेश कोतवाली को भी सूचित कर दिया गया था। वहीं 20 मई को आरोपी नर्सिंग ऑफिसर सतीश कुमार मनोचिकित्सक वार्ड में भर्ती हो गया,जिससे गुस्साए चिकित्सको व एमबीबीएस छात्रों द्वारा मनोचिकित्सा विभाग के बाहर एकत्रित होकर उग्र प्रदर्शन किया गया। चिकित्सको व डॉक्टरों के उग्र प्रदर्शन को देख एम्स प्रशासन द्वारा पुलिस को सूचना दी गयी,जिसपर मौके पर पहुँची पुलिस द्वारा स्थिति को काबू करने का प्रयास किया गया। किन्तु वार्ड के बाहर 400- 500 चिकित्सकों एवं एमबीबीएस छात्रों द्वारा आरोपी नर्सिंग ऑफिसर को उनको सौंपने को लेकर उग्र प्रदर्शन किया व मनोचिकित्सा विभाग के कक्ष में घुसने का प्रयास किया गया। जिन्हें पुलिस बल व एम्स प्रशासन द्वारा समझाने का काफी प्रयास किया गया किन्तु भीड़ शांत नही हुई व पुलिस बल के साथ धक्का मुक्की की गई। मौके पर मोब लीनचिंग की संभावना को देखते हुए व नर्सिंग स्टाफ व डॉक्टरों के बीच विवाद की स्थिति से बचाव को एम्स प्रशासन द्वारा पुलिस बल को वैकल्पिक इमरजेंसी मार्ग से वाहन वार्ड की पास लाने को कहा,जिसपर पुलिस बल द्वारा मौके पर वाहन लाकर अभियुक्त को उग्र भीड़ के बीच से निकाला गया।इस बीच कुछ छात्रों द्वारा प्रथम तल पर पुलिस वाहन को रोकने का प्रयास किया गया था,जिसपर सुरक्षा अधिकारी द्वारा पुलिस को मरीजों के लिए बनाये गए वेटिंग एरिया से भेजा गया था। पुलिस कप्तान ने बताया कि महिला चिकित्सको की प्रार्थना के आधार पर क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश के पर्यवेक्षण में एसआईटी टीम का गठन किया गया है जिसमें दो महिला उप निरीक्षको के अतिरिक्त अन्य कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है। उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा अपने स्तर पर हर पहलू को ध्यान में रखते हुए अभियुक्त के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

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