वरिष्ठ यूकेडी नेता दिवाकर भट्ट ने की अनियोजित निर्माण पर रोक लगाने और क्षेत्रफल के आधार पर विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन करने की मांग
रवि चौहान हरिद्वार संवाददाता

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(रवि चौहान) हरिद्वार। उत्तराखंड क्रांति दल के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट ने राज्य के विकास, भौगोलिक परिस्थितियों और आपदा प्रबंधन पर चिंता जाहिर की है। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के लोग आपदाओं का दंश झेल रहे हैं। जिससे खेती, खलिहान और आवासीय ढांचे को भारी नुकसान हो रहा है। दिवाकर भट्ट ने अनियोजित निर्माण पर तुरंत अंकुश लगाने की बात करते हुए कहा कि अनेक बलिदानों के बाद वजूद में आए उत्तराखंड के अलग राज्य बनने का उद्देश्य अब तक पूरा नहीं हो पाया है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि पहाड़ी राज्यों के मानकों के अनुसार उत्तराखंड में विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन क्षेत्रफल के आधार पर किया जाए। दिवाकर भट्ट ने कहा कि पलायन राज्य की बड़ी समस्या है। पलायन रोकने के लिए रोजगार सृजन और खेती के बेहतर प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। भट्ट ने कहा कि राज्य के पढ़े-लिखे नौजवानो को रोजगार के अवसर मिलने चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि छोटे-छोटे डेम बनाकर जल संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सकता है। जिससे बिजली उत्पादन के साथ युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलेगा और पलायन रूकेगा। भट्ट ने कहा कि जंगली जानवरों के कारण किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने सरकार से इस दिशा में ठोस कदम उठाने की मांग की।
आपदा से हुई जनहानि पर गहरा दुख व्यक्त करते उन्होंने कहा कि राज्य में आपदा प्रबंधन’ को मजबूत किया जाने की आवश्यकता है ताकि प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जल सपदा से संपन्न राज्य है। सरकार को बहते पानी का उपयोग कर नई योजनाएं बनानी चाहिए। जिससे क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी। भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड के विकास के लिए ठोस और दीर्घकालिक योजनाओं की जरूरत है। राज्य सरकार को उन बलिदानों को याद रखते हुए विकास की दिशा में काम करना चाहिए, जिनकी बदौलत उत्तराखंड गठन हुआ है।