हरिद्वार

नव संकल्प के साथ मनाये उत्तराखंड का जन्म दिवस: शिवानी गौर

रजत चौहान प्रधान सम्पादक

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(रजत चौहान) हरिद्वार। आज से 21 साल पहले राज्य का देश के 27 वें राज्य के तौर पर आज के दिन ही जन्म हुआ था और आज राज्य 22वें साल में प्रवेश कर रहा है। अगर पीछे मुड़कर देखें तो राज्य ने पिछले 21 सालों में तमाम उतार-चढ़ाव और प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया है और उसके बावजूद आज राज्य विकास के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। नौ नवंबर की तारीख इतिहास में उत्तराखंड के स्थापना दिवस के तौर पर दर्ज हैं। पृथक उत्तराखंड की मांग को लेकर कई वर्षों तक चले आंदोलन के बाद आखिरकार 9 नवंबर 2000 को उत्तराखण्ड को सत्ताइसवें राज्य के रूप में भारत गणराज्य में शामिल किया गया। राजू निर्माण में जिन महान आंदोलनकारियों और अमर शहीद रहे जिनके संकल्प के फल स्वरुप ही आज सभी उत्तराखंड वासी गर्व से अभीभूत हैं। उन सभी महान तथा दिव्य आत्माओं को सादर प्रणाम।वर्ष 2000 से 2006 तक इसे उत्तरांचल के नाम से पुकारा जाता था, लेकिन जनवरी 2007 में स्थानीय लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए इसका आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखण्ड कर दिया गया। उत्तर प्रदेश का हिस्सा रहे उत्तराखंड की सीमाएँ उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल से लगी हैं। देवभूमि में जो असीम संभावनाएं हैं उनका भरपूर उपयोग करते हुए उत्तराखंड निरंतर प्रगति की ओर है और इसी गति से प्रगतिशील रहेगा ऐसी हम सब की शुभकामनाएं है। तथा इस संकल्प के साथ आज का दिन मनाए कि कि राज्य के ही तथा प्रगति के लिए जो भी शुभ संकल्प आवश्यक हो वह जरूर लिए जाएंगे।

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