श्री भुवनेश्वरी महिला आश्रम ने शुरू किया समावेशी एवं गुणवत्ता परक शिक्षा अभियान
नीटू कुमार हरिद्वार संवाददाता

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(नीटू कुमार) हरिद्वार। श्री भुवनेश्वरी महिला आश्रम ने बहादराबाद विकासखंड के तीन विद्यालयों में समावेशी एवं गुणवत्ता परक शिक्षा कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संचालित करने हेतु आश्रम ने एम3एम फाउंडेशन एवं डॉ. एस.पी जैन मैनेजमेंट संस्था के साथ अनुबंध किया है। इस पहल का उद्देश्य बच्चों को केवल पुस्तक ज्ञान तक सीमित न रखकर उनके समग्र व्यक्तित्व विकास, स्वास्थ्य जागरूकता और नेतृत्व क्षमता को सशक्त बनाना है। इस समावेशी शिक्षा कार्यक्रम में ड्रॉपआउट बच्चों की काउंसलिंग–कार्यक्रम के तहत विद्यालय छोड़ चुके बच्चों के घर जाकर उनके माता-पिता से संवाद किया जा रहा है। काउंसलिंग के माध्यम से उन्हें पुनः शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है,बाल मंत्रिमंडल का गठन–कतरपुर विद्यालय में बच्चों का बाल मंत्रिमंडल गठित किया गया है, जिसमें प्रधानमंत्री, स्वच्छता मंत्री, शिक्षा मंत्री आदि पद बनाकर विद्यार्थियों को जिम्मेदारियाँ दी गई हैं। इससे बच्चों में नेतृत्व कौशल, निर्णय क्षमता और उत्तरदायित्व भावना का विकास हो रहा है। विद्यालय की प्रधानाचार्य श्रीमती संध्या ने कहा बाल मंत्रिमंडल से बच्चों में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। हमारे विद्यालय का प्रधानमंत्री अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से निभा रहा है और स्वच्छता मंत्री के सक्रिय प्रयासों से विद्यालय में साफ-सफाई की स्थिति पहले से बेहतर हुई है।”कौशल उन्नयन शिक्षा–बच्चों की रचनात्मक सोच, टीम वर्क और समस्या समाधान की क्षमता को प्रोत्साहित किया जा रहा है, स्वास्थ्य एवं किशोरी स्वास्थ्य पर जानकारी – पोषण, मानसिक स्वास्थ्य और मासिक धर्म स्वच्छता पर विशेष जागरूकता सत्र आयोजित किए जा रहे हैं, खेल एवं मानसिक विकास गतिविधियाँ–खेल-कूद, योग और सांस्कृतिक गतिविधियों से बच्चों का समग्र विकास,स्वच्छता एवं वाश किओस्क गतिविधियाँ–हाथ धोने की आदत, सुरक्षित जल और साफ-सफाई पर व्यवहारिक जानकारी, ज्ञानवर्धक प्रतियोगिताएँ–क्विज़, वाद-विवाद, निबंध लेखन व अन्य प्रतियोगिताएँ बच्चों में आत्मविश्वास और ज्ञान विस्तार का माध्यम बन रही हैं। समावेशी शिक्षा का अर्थ है हर बच्चे को, उसकी पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना, समान अवसर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना। श्री भुवनेश्वरी महिला आश्रम द्वारा चलाया जा रहा यह कार्यक्रम न केवल बच्चों को कक्षा में पढ़ाई से जोड़ रहा है, बल्कि उन्हें जीवन के लिए तैयार कर रहा है। संस्था का मानना है कि शिक्षा तभी सफल कही जा सकती है जब वह बच्चों को नेतृत्व, संवेदनशीलता, जिम्मेदारी और आत्मनिर्भरता की राह पर ले जाए।