
हरिद्वार की गूंज (24*7)
(राजेश कुमार).देहरादून। उत्तराखण्ड एसटीएफ ने एक बड़ी साइबर ठगी का खुलासा करते हुए “डिजिटल अरेस्ट” गिरोह का पर्दाफाश किया है। टीम ने इस गिरोह के मुख्य सरगना किरण कुमार के.एस को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया है। यह गैंग देशभर में सक्रिय था और देहरादून के बसंत विहार निवासी एक बुजुर्ग से लगभग 60 लाख रुपये की ठगी करने में शामिल था।
जानकारी के अनुसार, आरोपियों ने खुद को सीबीआई और मुंबई पुलिस का अधिकारी बताकर पीड़ित को झांसे में लिया। उन्होंने व्हाट्सएप और वीडियो कॉल के माध्यम से पीड़ित बुजुर्ग को डराया कि उसके नाम से बैंक खातों में मनी लॉन्ड्रिंग हुई है। लगातार कॉल पर रखकर उसे डिजिटल तरीके से ‘हाउस अरेस्ट’ कर दिया गया और आरबीआई जांच के नाम पर अलग-अलग खातों में धनराशि ट्रांसफर करवाई गई। एसटीएफ की साइबर टीम ने शिकायत प्राप्त होते ही जांच शुरू की बैंक ट्रांजैक्शन, मोबाइल लोकेशन और डिजिटल रिकॉर्ड का विश्लेषण करने पर पता चला कि ठगी की रकम में से 41 लाख रुपये “राजेश्वरी जीएके एंटरप्राइज” नाम की फर्म के खाते में ट्रांसफर किए गए थे। इस जानकारी के आधार पर टीम बेंगलुरु पहुंची और आरोपी किरण कुमार को येलहंका इलाके से गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से तीन मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, दो सिम कार्ड, बैंक चेकबुक और कई दस्तावेज बरामद किए हैं, जांच में यह भी सामने आया कि उक्त खाते से देशभर में करीब 9 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन हुए हैं और इससे जुड़े 24 से अधिक साइबर फ्रॉड केस विभिन्न राज्यों में दर्ज हैं। आरोपी के खिलाफ दिल्ली, कुमाऊं और अन्य राज्यों में भी मुकदमे दर्ज हैं।
एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह ने बताया कि उक्त गिरोह लोगों को सरकारी एजेंसियों के नाम पर डराकर ठगी करता था। उन्होंने जनता से अपील की कि किसी भी अंजान कॉल या वीडियो कॉल पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी न दें। कोई भी सरकारी एजेंसी ऑनलाइन गिरफ्तारी नहीं करती है।











