देहरादून

एसटीएफ के हत्थे चढ़े फर्जी क्राइम ब्रांच अधिकारी बनकर लोगों से ठगी करने वाले तीन अपराधी

राजेश कुमार देहरादून प्रभारी

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(राजेश कुमार) देहरादून। एसएसपी उत्तराखंड एसटीएफ आयुष अग्रवाल के निर्देशन में साइबर अपराधियों के लिए काल बनकर उभर रही है, जिस क्रम में एसटीएफ द्वारा कस्टम डिपार्टमेन्ट व क्राइम ब्रांच के नाम से एक करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के 3 सदस्यों को राजस्थान से गिरफ्तार किया है। उत्तराखंड राज्य में डिजिटल गिरफ्तारी का उक्त प्रकरण पहली बार आया है। एसएसपी एसटीएफ अग्रवाल ने बताया कि बीते कुछ दिनों पहले साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन में देहरादून निवासी द्वारा शिकायत दर्ज करवाई गई थी कि अज्ञात साइबर अपराधियों द्वारा वादी के मोबाईल पर सम्पर्क कर स्वंय को फ़ेडेक्स कोरियर कम्पनी तथाक्राइम ब्रांच मुंबई अन्धेरी से बताकर मुम्बई कस्टम द्वारा वादी के नाम से अवैध पासपोर्ट, क्रेडिट कार्ड आदि सीज करने की जानकारी देकर मुम्बई क्राईम ब्रॉच अंधेरी से सम्पर्क करवाकर व आवेदक को स्काईप ऐप पर जोडकर वीडियो कॉल पर पुलिस थाना दर्शाकर पार्सल के सम्बन्ध में पूछताछ कर शिकायतकर्ता को मनीलान्ड्रिंग, ड्रग्स तस्करी व पहचान छुपाने का संदिग्ध बताकर व नोटिस भेजकर शिकायकर्ता के नाम से चल रहे खातो में 38 मिलीयन का अवैध ट्रांजैक्शन होना बताकर पासपोर्ट कार्यालय व मुम्बई क्राइम ब्रांच से किल्यरेन्स प्रदान करने का झांसा दिया गया तथा पीड़ित की डिजिटल गिरफ्तारी की गई जहां उसे स्काइप के माध्यम से 24 घंटे के लिए ऑडियो वीडियो निगरानी पर रखा गया। उनसे कहीं न जाने को कहा गया इसके पश्चात् अपराधियों ने फर्जी मुंबई क्राइम ब्रांच अधिकारी बनकर पीडित को डरा धमकाकर 1 करोड 13 लाख रुपये भिन्न-भिन्न बैंक खातो में स्थानान्तिरित करने के लिए मजबूर किया। एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी दुबई से गिरोह चलाते थे जहां उनके गिरोह के सदस्यों ने दुबई से पैसे निकाले यह उत्तराखंड पुलिस द्वारा पर्दाफाश किया गया पहला डिजिटल गिरफ्तारी प्रकरण है, जहां एक ही गिरोह साइबर पुलिस स्टेशन,द्वारका के एक मुकदमे में वांछित है और गिरोह के सदस्यों एवं प्रकरणों की अंतर-राज्य क्रिमिनल लिंकगेस की तलाश की जा रही है।
उन्होंने आगे बताया कि उक्त प्रकरण को उनके द्वारा गम्भीरता से लेते हुये इस घटना के जल्द से जल्द खुलासे हेतु पुलिस उपाधीक्षक अकुंश मिश्रा के नेतृत्व में एक टीम गठित
की गई। गठित टीम द्वारा घटना के शीघ्र अनावरण हेतु त्वरित कार्यवाही करते हुए घटना में प्रयुक्त मोबाईल नम्बर व सम्बन्धित खातों आदि की जानकारी व तकनीकी विश्लेषण किया गया तो उक्त अपराध में संलिप्त अपराधियों का राजस्थान से सम्बन्ध होना पाया गया। जिसमें टीम को सम्बन्धित स्थानों को रवाना किया गया।
पुलिस टीम द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास तथा अभिसूचना संकलन कर 3 अभियुक्तों 1.राकेश (उम्र30) पुत्र रमेश चन्द निवासी अजापुरा थाना-शोकुर, मध्य प्रदेश हाल गुजरों का मौहल्ला निकट शीतला माता मन्दिर थाना इटावा, जिला कोटा, राजस्थान, 2.दीपक (उम्र26) लक्षकार पुत्र किशन कुमार लक्षकार निवासी गुजरों का मौहल्ला निकट शीतला माता मन्दिरथाना- इटावा, जिला कोटा, राजस्थान, 3. आसिफ अली (उम्र27) पुत्र ख्वाजा मौहम्मद निवासी जामा मस्जिद के पास, इटावा, थाना- इटावा, जिला-कोटा, राजस्थान को कोटा, राजस्थान से गिरफ्तार किया।अभियुक्तों के पास से 05 मोबाईल फोन व सिम कार्ड, आधार कार्ड बरामद हुये। पुलिस कप्तान एसटीएफ ने बताया कि अभियुक्तों द्वारा मुम्बई काईम ब्रांच का अधिकारी बनकर भोली भाली जनता से मुम्बई कस्टम द्वारा अवैध पासपोर्ट, केडिट कार्ड सीज करने की जानकारी देकर जनता के लोगों को मनीलांड्रिंग, इग्स तस्करी का संदिग्ध बताकर व लोगों को फर्जी नोटिस भेजकर धोखाधड़ी की जाती है। जिसके लिये अभियुक्तों द्वारा स्वयं को मुम्बई क्राईम ब्रांच का अधिकारी बताकर लोंगों को झांसा देकर भिन्न भिन्न एकाउन्ट में धनराशि जमा कराकर ठगी की गई है। उक्त अपराधियों द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों से लोगों को मनीलांड्रिंग, ड्रग्स तस्करी का संदिग्ध बताकर व लोगों को फर्जी नोटिस भेजकर धोखाधड़ी की जाती है।

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