हरिद्वार

हरिद्वार काँवड़ मेले को युनेस्को द्वारा विश्व विरासत घोषित कराने का सुझाव

गगन शर्मा सह सम्पादक

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(गगन शर्मा) हरिद्वार। कवि साहित्यकार तथा चेतना पथ के एवं संपादक अरुण कुमार पाठक ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के लोकप्रिय रेडियो वार्ता कार्यक्रम ‘मन की बात’ के लिए अपना सुझाव प्रस्तुत करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से रविवार 28 जुलाई को प्रसारित होने वाले आगसमी कार्यक्रम में हरिद्वार काँवड़ मेले की भी चर्चा करने का आग्रह किया है। इसके साथ ही उनसे हरिद्वार काँवड़ मेल को महाकुंभ मेले की तर्ज पर यूनेस्को से ‘विश्व की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर’ घोषित कराने हेतु प्रयास करने का भी आग्रह किया है। उन्होंने कहा है कि, व्यवस्थाओं की दृष्टि से हरिद्वार काँवड़ मेला 4 महीने तक चलने वाले महाकुंभ से भी अधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें केवल 15 दिनों के अन्तराल में भारत के विभिन्न राज्यों से 3 करोड़ से भी अधिक श्रद्धालु ‘हर की पैड़ी’ से अपनी-अपनी काँवड़ भरने आते हैं तथा शिव त्रयोदशी को अपने श्रद्धा, भक्ति व विश्वास के अनुसार, चुने गये शिवालियों में जलाभिषेक करते हैं। यूँ भी हरिद्वार अर्धकुम्भ छः वर्ष तथा महाकुम्भ 12 वर्षों बाद आता है, जबकि, काँवड़ मेला हरिद्वार में एक प्रत्येक वर्ष में दो बार आयोजित होता है। उल्लेखनीय है कि एक वर्ष पूर्व उन्होंने हरिद्वार काँवड़ मेले पर आधारित पाँच गीतों‌ की आडियो एलबम भी तैयार की थी, जो आज भी लोकप्रिय हो रही है। अरुण कुमार पाठक का कहना है कि, हरिद्वार कावड़ मेले के यूनेस्को के द्वारा विश्व की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत घोषित किए जाने के बाद, महाकुंभ मेले के समान ही न केवल देवभूमि उत्तराखंड तथा धर्मनगरी हरिद्वार बल्कि, स्वयं हरिद्वार काँवड़ मेले को भी एक नई ऊर्जा प्राप्त होगी। इसी के साथ उन्होंने उत्तराखंड सरकार से भी इस दिशा में हर संभव प्रयास करने का अनुरोध किया है।

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