हरिद्वार

स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी महाराज का 92वां प्रकाटोत्सव मनाया

स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी महाराज इस सदी के विलक्षण: स्वामी अवधेशानंद गिरी

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(राजेश कुमार) हरिद्वार। भारत माता मंदिर के संस्थापक और दिवंगत संत पद्मभूषण स्वामी सत्यमित्रानंद की जयंती आज मनाई गई भारत माता मंदिर परिसर में आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में साधु संत और भक्त मौजूद रहे संतों ने स्वामी सत्यमित्रानंद को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने धर्म और राष्ट्र के उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। सभी को उनके आदर्शों और जीवन दर्शन को अपनाते हुए मानव कल्याण का संकल्प लेना चाहिए। इस दौरान मंच से ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद को भारत रत्न देने की मांग भी की गई। पूरे भारत माता मंदिर परिसर को गुब्बारों और रंगीन झालरों से सजाया गया
हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष व श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज ने भारत माता मंदिर के संस्थापक ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि महाराज को भारत रत्न देने की मांग की है। श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि हमारे गुरु जी स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी जी महाराज इस सदी के विलक्षण संत थे। श्री महानिर्वाणी पंचायती अखाड़ा के सचिव एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज को भारतरत्न देने की मांग की। आज भारत माता मंदिर में उनके अवतरण दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में भारत सरकार से यह मांग की।
उन्होंने कहा कि ब्रह्मलीन महामण्डलेश्वर स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि महाराज ने सनातन धर्म और देश की आजीवन सेवा की। उन्होंने भारत माता के मंदिर का निर्माण ही नहीं किया, अपितु विदेशों में भी सनातन का परचम फहराया। उनके अथक प्रयासों के कारण सनातन संस्कृति का उन्नयन हुआ। भानुपुरा पीठ के शंकराचार्य रहते हुए भी उन्होंने अनेक कार्य किए। आज उनके शिष्य आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज भी सनातन की पताका को बुलंद किए हुए हैं। उन्होंने कहा कि स्वामी सत्यमित्रानंद महाराज को भारत सरकार ने पद्मविभूषण सम्मान से सम्मानित किया, किन्तु वे भारत रत्न का सम्मान पाने के असली हकदार थे। कहाकि जिस प्रकार से मरणोपरान्त अनेक राजनेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और अन्य विभूतियों को मरणोपरान्त भारत रत्न दिया गया है, ठीक उसी प्रकार से स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि महाराज को भी भारत रत्न मिलना चाहिए। समारोह की अध्यक्षता आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने की। इस दौरान सभी अखाड़ों व सम्प्रदायों के संतों ने स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि महाराज को अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए। कार्यक्रम का संचालन भारत माता मंदिर के मुख्य ट्रस्टी पंडित आईडी शास्त्री ने किया।

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