भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी रुड़की के दीक्षांत समारोह, छात्र-छात्राओं को प्रदान की गई उपाधियां
केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ० जितेंद्र सिंह मुख्य अतिथि के रूप में हुए शामिल

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(इमरान देशभक्त) रुड़की। आईआईटी रुड़की के दीक्षांत समारोह में 178 वर्षों की विरासत एवं क्षेत्र उत्कृष्ट का उत्सव मनाया गया। जिसमें भारत सरकार के केंद्रीय राज्य मंत्री विज्ञान व प्रौद्योगिकी डॉ० जितेंद्र सिंह ने दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हो समारोह को संबोधित किया। इस वर्ष दीक्षांत समारोह में 1267 स्नातक, 847 स्नातकोत्तर व 500 पीएचडी सहित कुल 2614 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की गई।स्नातक वर्ग में 23% महिला प्रतिनिधित्व एवं महिला पीएचडी स्कॉलरों की संख्या में तीर्व वृद्धि के साथ जो विगत वर्ष 2023 में 57 से बढ़कर 178 हो गई है।
आईआईटी रूडकी लैंगिक विविधता एवं समावेशन में अग्रणी बना हुआ है। मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने आईआईटी के छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ये छात्र-छात्राएं आगे चलकर एक उन्नत भारत का निर्माण करेंगे। उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में देश लगातार तरक्की कर रहा है और वह दिन दूर नहीं जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सशक्त और मजबूत संकल्प के साथ भारतवर्ष विकसित देशों के श्रेणी में खड़ा दिखाई देगा।
डॉ० जितेंद्र सिंह ने कहा कि आईआईटी रुड़की अपनी 176 साल की विरासत के साथ एकेडमिक उत्कृष्ट एवं राष्ट्रीय सेवा का प्रतीक बना हुआ है। उन्होंने कहा कि यहां खड़ा होना मेरे लिए गर्व की बात है, न केवल एक पूर्व छात्र के रूप में बल्कि एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जिसे भारत के शिक्षा और कौशल परिवर्तन में योगदान करने का सौभाग्य मिला है। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणीय भूमिका निभाने में संस्थान की भूमिका की प्रशंसा की और नवोन्मेषकों तथा समस्या समाधानकर्ताओं की पीढीयों को पोषित करने के लिए संकाय सदस्यों को धन्यवाद दिया। प्रोफेसर डॉक्टर निर्मल सिंह कलसी ने भी अतिथि के रूप में समारोह को संबोधित किया।
अभिशासक परिषद के अध्यक्ष डॉ० बीसीआर मोहन रेड्डी ने दीक्षांत समारोह के अध्यक्षता की। भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के सचिव पंकज अग्रवाल ने कार्यक्रम के दूसरे सत्र के दौरान पुरस्कार समारोह में छात्र-छात्राओं के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें निरंतर आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरित किया। आईआईटी रुड़की के निदेशक केके पंत ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें संस्थान की उत्कृष्ट उपलब्धियां और दूरदर्शी दृष्टिकोण को दर्शाया गया। स्नातक छात्रों में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने के लिए वंश सैनी को प्रतिष्ठित राष्ट्रपति स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। यूजी छात्रों में हार्दिक साहनी को उनके उत्कृष्ट सर्वांगीण प्रदर्शन के लिए निदेशक स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। आईआईटी रुड़की के निदेशक केके पंत ने दीक्षांत समारोह में रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह उपलब्धि एवं आकांक्षा दोनों का उत्सव है।
आईआईटी रुड़की में हमारा मिशन विश्व स्तरीय शिक्षा व अनुसंधान प्रदान करना है और यह भी सुनिश्चित करना है कि नवाचार अस्थिरता और स्वच्छ ऊर्जा से लेकर महत्वपूर्ण खनिजो, रक्षा एवं आपदा प्रतिरोधक क्षमता तक देश की रणनीतिक प्राथमिकताओं को सीधे संबोधित करें। उन्होंने कहा कि मुझे अपने स्नातकों पर बहुत गर्व है, जो उत्कृष्ट की इस विरासत को आगे बढ़ाएंगे और वर्ष 2047 तक एक विकसित भारत के निर्माण में एक परिवर्तनकारी भूमिका निभाएंगे। आईआईटी रुड़की ने बीएमसी ऑडिटोरियम में शिक्षक दिवस 2025 मनाया एवं पूर्व राष्ट्रपति व प्रख्यात शिक्षाविद डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर संस्थान ने प्रतिष्ठित संकाय सदस्यों को उत्कृष्ट शिक्षक एवं अनुसंधान पुरस्कार 2025 आजीवन शिक्षक उपलब्धि पुरस्कार प्रोफेसर बालकृष्ण उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार एवं उत्कृष्ट शिक्षक व अनुसंधान के लिए रामकुमार पुरस्कार से सम्मानित किया गया। शिक्षक दिवस पर आईआईटी रुड़की ने अपने संकाय सदस्यों को शिक्षक एवं अनुसंधान में उत्कृष्ट के लिए प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया।
प्रोफेसर स्पर्श मित्तल ईसीई, प्रोफेसर ए. स्वामीनाथन गणित, प्रोफेसर जितिन सिंगला जैव विज्ञान एवं जैव अभियांत्रिकी को उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार स्नातक श्रेणी प्रदान किया गया, जबकि प्रोफेसर कीर्तिराज के गायकवाड कागज प्रौद्योगिकी एवं प्रोफेसर कृतिका कोठारी डब्लूआरडीएम को स्नातकोत्तर श्रेणी में सम्मानित किया गया। प्रोफेसर प्रवीण कुमार जानपद अभियांत्रिकी को आजीवन शिक्षक उपलब्धि पुरस्कार, प्रोफेसर रामकृष्ण पांडे गणित, प्रोफेसर बालकृष्ण उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार तथा प्रोफेसर गोपीनाथ पैकिरीसामी जैव विज्ञान एवं जैव अभियांत्रिकी को उत्कृष्ट शिक्षक एवं अनुसंधान के लिए रामकुमार पुरस्कार से सम्मानित किया गया।