हरिद्वार

समाज और सरकार के मध्य संवाद एवं जनसमस्याओं का समाधान जन सामान्य मंच का उद्देश्य: पं जुगल किशोर तिवारी

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(रवि चौहान) हरिद्वार। जन सामान्य मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष जुगल किशोर तिवारी (पूर्व डीआईजी) ने कहा कि जन सामान्य मंच एक स्वयंसेवी संगठन है जिसका उद्देश्य जन सामान्य से सम्बंधित विषयों को समाज एवं सरकार के सामने लाकर दोनों के मध्य संवाद की स्थापना तथा उनके समाधान के लिए प्रयास करना है। प्रेस क्लब हरिद्वार के सभागार में पत्रकारों से वार्ता करते हुए पं जुगल किशोर तिवारी ने बताया कि जन सामान्य मंच के तत्वावधान में सत्यकेतु विद्यालंकार सभागार, गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में रविवार, 29 जून 2025, को संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस संवाद कार्यक्रम में संविधान शिल्पी बी एन राव का व्यक्तित्व एवं कृतित्य, वर्तमान में भारत की दशा एवं दिशा, (आध्यात्म, दर्शन व पर्यावरण) एवं मंच की जायत समाज से अपेक्षा विषय पर विद्वान यक्ता अपने विचार रखेंगे। इसके अंतर्गत राजनीतिक कारणों से जिन महापुरुषों के योगदान को विस्मृत करके जनता के सामने नहीं लाया गया ऐसी विभूतियों को संवाद तथा विमर्श के माध्यम से जन सामान्य के सामने लाना है। इसके साथ ही ऐसे नियमों एवं प्रावधानों की मुखालफत करना जिनके कारण प्रतिभाओं का हनन तथा समाज में विखंडन पैदा हो रहा है। इसके साथ ही प्रकृति के प्रतिकूल हो रही गतिविधियों से समाज को जागरूक करके जल, जंगल, जमीन और जानवर के साथ जन का सम्बन्ध कैसा हो इसकी अवधारणा को पुष्ट करना है। मंच के राष्ट्रीय संगठन मंत्री जीवकान्त झा ने संगठन के उद्देश्यों के बारे में कहा कि प्रथम धरण में गंगा यमुन्य तथा नर्मदा के क्षेत्र में जन मानस से निरंतर संवाद स्थापित करना, मंच द्वारा निम्न विषयों को लेकर जन सामान्य स संवाद किया जा रहा है, किसी भी व्यक्ति से धर्म या जाति के आधार पर भेदभाव संज्ञेय अपराध है सामान्य वर्ग आयोग का गठन, सभी नागरिकों के लिए शिक्षा एवं चिकित्सा की निशुल्क एवं समान व्यवस्था, आरक्षण के स्थान पर सभी जरूरतमंद व्यक्तियों के लिए संरक्षण, ईश निंदा कानून, मंदिरों की सरकारी नियंत्रण से मुक्ति, पुजारी सम्मान भत्ता, प्राकृ तिक जलश्रोतों नदियों, तालाबों, पोखर, बावडी, कुओं आदि का पुनर्जीवन, गंगा जी, यमुना जी और नर्मदा जी को निर्मल अविरल बनाने के लिए मुहिम चलाना, छोटे-छोटे राज्यों का गठन, जनसंख्या नियंत्रण तथा आर्थिक दृष्टिकोण से जनगणना कराना, भेदभाव की समाप्ति हेतु राजकीय अभिलेखों पर जाति के उल्लेख पर प्रतिबन्ध, देश में गोहत्या निषेध का कठोर कानून तथ गोधन के संवर्धन एवं संरक्षण के उपाय, नैतिक शिक्षा के साथ के साथ कक्षा 6 से 8 तक स्काउट एवं गाइड तथा 9 से 12 तक एनसीसी की अनिवार्यता, उच्च शिक्षोपरान्त प्रत्येक युवा एवं युवती के शारीरिक स्वास्थ्य के दृष्टिगत एक वर्ष तक प्रतिदिन 8 घंटे समाज अथवा सैनिक सेवा की अनिवार्यता, आधार कार्ड से वोटर को लिक कर ओटीपी जनरेटिड व्यस्वस्था से वोटिंग की सुविधा, चुनावी रैलियों, जुलूसों आदि पर प्रतिबन्ध, जन प्रतिनिधियों का पेंशन सुविधा की समाप्ति, मिलावटखोरी को गंभीर अपराध घोषित कर आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किसी नी माध्यम से अश्लीलता फैलाने पर कम से कम 10 वर्ष की सजा, पारदर्शी एवं त्वरित न्याय व्यवस्था आरक्षित सीट से विजित जनप्रतिनिधि अथवा उसके परिवार से किसी अन्य व्यक्ति को लड़ने से प्रतिबन्धित करना आदि प्रमुख उद्देश्य है। प्रेस वार्ता में राजेन्द्र पाण्डेय एडवोकेट हाईकोर्ट इलाहाबाद, डॉ. जितेन्द्र सिंह, कार्यक्रम संयोजक बालकृष्ण शास्त्री, विकास कुमार झा सहित अन्य उपस्थित रहे।

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