लड़कियों को आत्मनिर्भर और अहम दर्जा देना इस दिवस का उदेश्य
वेद प्रकाश चौहान मुख्य सह सम्पादक
हरिद्वार की गूंज (24*7)
(वेद प्रकाश चौहान) हरिद्वार। मानव अधिकार संरक्षण समिति के राष्ट्रीय मंत्री (मीडिया प्रभारी) ने कहा हर साल 24 जनवरी को बालिका दिवस के तौर पर मनाने की एक खास वजह है। यह वजह इंदिरा गांधी से जुड़ी हुई है। साल 1966 में इंदिरा गांधी ने देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। भारत के इतिहास और महिलाओं के सशक्तिकरण में 24 जनवरी का दिन महत्वपूर्ण है। यह दिन मनाने की वजह देश की बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। समाज में बालिकाओं के साथ होने वाले भेदभाव के बारे में देश की बेटियों के साथ ही सभी लोगों को जागरूक करना है। उन्होने कहा देश में लड़कियों को आत्मनिर्भर और अहम दर्जा देना इस दिवस का उदेश्य है। समाज में बालिका को असमानताओं को मिटाने के लिए लोगों के बीच जागरुकता को बढ़ाना इस दिवस को मनाने का लक्ष्य है। बालिकाएं के साथ भेद-भाव एक बड़ी समस्या है जो कई क्षेत्रों में फैला है जैसे शिक्षा में असमानता, पोषण, कानूनी अधिकार, चिकित्सीय देख-रेख, सुरक्षा, सम्मान, बाल विवाह आदि। भारतीय सरकार द्वारा राष्ट्रीय बालिका विकास मिशन के रुप में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की शुरुआत हुई। लड़कियों की उन्नति के महत्व के बारे में पूरे देश के लोगों के बीच ये मिशन जागरुकता को बढ़ाता है। यह दूसरे सामुदायिक सदस्यों और माता-पिता के प्रभावकारी समर्थन के द्वारा निर्णय लेने की प्रक्रिया में लड़कियों के सार्थक योगदान को बढ़ाता है। बालिकाओं को बराबरी का दर्जा देने के लिए देश के लोगों को जागरूकता को नजर रखते हुए राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है।