हरिद्वार

संघ ने शून्य से शतक तक का सफर जन सहभगिता से किया पूरा: पदम

अक्षय कुमार हरिद्वार संवाददाता

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(अक्षय कुमार) हरिद्वार। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हरिद्वार नगर सहित रानीपुर, बहादराबाद, जगजीतपुर आदि मंडलो में संघ शातब्दी विजयदशमी उत्सव मनाया गया। शस्त्र पूजन के उपरांत स्वयंसेवकों ने पथ संचलन निकला। पथ संचलन के दौरान जगह-जगह पुष्पवर्षा की गई। माधव बस्ती में आयोजित कार्यक्रम में आरएसएस के क्षेत्र प्रचार प्रमुख पदम जी ने संघ के शताब्दी वर्ष में 100 वर्षों की पूरी यात्रा, डॉक्टर हेडगेवार जी और श्री गुरुजी द्वारा संघ स्थापना एवं प्रारंभिक चुनौतियों का विस्तार से वर्णन किया। वर्तमान में सोशल मीडिया एवं अन्य प्रचार माध्यमों के द्वारा प्रकार समाज में झूठ को प्रचारित किया जा रहा है, इसके लिए स्वयंसेवकों को सचेत रहने को कहा। महादेव बस्ती की ओर से श्री रामलीला भवन कनखल में आयोजित विजयादशमी उत्सव में मुख्य वक्ता विद्या भारती के प्रदेश निरीक्षक डॉ. विजयपाल ने कहा कि संघ की 100 वर्ष की यात्रा हिंदुत्व के जागरण की यात्रा है। उन्होंने कहा कि संघ के 100 वर्ष की यात्रा संघ के कार्यकर्ताओं के समर्पण, बलिदान और संघर्ष की यात्रा है। हम सब का यह सौभाग्य है कि आज हम सब इसके साक्षी है। जब 100 वर्ष पूर्व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना हुई उस समय हमारे हिंदू समाज का स्वाभिमान शून्य था और हिंदू कहने में भी हमें लज्जा महसूस होती थी। हिंदू समाज अपने महापुरुषों, पूर्वजों के शौर्य, साहस और महानता को भूल गया था, ऐसे समय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉक्टर हेडगेवार ने सन 1925 में विजयदशमी के दिन संघ की स्थापना की। उन्होंने कहा कि बीते 100 वर्षों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करते हुए हिंदुत्व को आगे बढ़ने का कार्य कर रहा है। विजयदशमी उत्सव में संघ के अधिकारियों ने भारत माता के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर शस्त्र पूजन किया। इसके उपरांत स्वयंसेवको ने श्री रामलीला भवन से पथ संचलन किया।
रघुनाथ बस्ती में प्रान्त शारीरिक प्रमुख सुनील जी ने संघ संस्थापक डॉक्टर हेडगेवार जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए संघ स्थापना की पृष्ठभूमि को बताया। संघ ने अपनी स्थापना के समय से ही जाति के भेदभाव को मिटाकर समरस समाज की स्थापना का कार्य किया। 1940 तक संघ कार्य उस समय के सभी प्रांतों के स्तर तक पहुंचा। अगले 33 वर्षों में श्री गुरुजी ने संघ कार्य को और नीचे के स्तर तक पहुंचाकर समाज में अनेक आवश्यक संगठनों की स्थापना की। वर्तमान की आवश्यकता को देखते हुए पंच परिवर्तन का महत्व भी समझाया। कर्यक्रम की अध्यक्षता उमाशंकर वशिष्ठ ने की। रानीपुर नगर में आज चार स्थानों पर संघ के शताब्दी वर्ष में पथ संचलन निकाला गया। शिवालिक बस्ती में वीरप्रताप जी, विभाग सेवा प्रमुख, ने संघ संस्थापक डॉक्टर हेडगेवार जी का जीवन परिचय देते हुए, संघ स्थापना की आवश्यकता बताई। संघ द्वारा किए जा रहे सेवा कार्यों का वर्णन करते हुए समय समय पर किए गए सेवा कार्यों को बताया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संजीव गुप्ता जी ने की। केशव बस्ती के सामुदायिक केंद्र सेक्टर 4 में आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए जिला सह कार्यवाह संजय जी ने भारतीय संस्कृति में आ रहे परिवर्तनों की चर्चा करते हुए बताया कि हम बिना विचारे पश्चिम का अनुकरण कर रहे हैं, चाहे जन्मदिन पर केक काटना हो अथवा दीपक जलाने और यज्ञ करने के स्थान पर मोमबत्ती बुझाना। साथ ही शास्त्रों में वर्णित श्लोकों को दूषित कर सनातन धर्म पर चोट की गई है, चाहे अहिंसा परमो धर्म को केवल आधा ही बताना अथवा रघुपति राघव राजा राम वाले भजन में मिलावट करके विधर्मियों को जोड़ना। इन सबसे सचेत रहकर कुटुंब व्यवस्था को सशक्त करके सभी समाज को समरस बनाकर जब सनातन संस्कृति खड़ी होगी तब संघ का शताब्दी वर्ष अभियान सफल होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता निर्मल खंडेलवाल ने की। शिव बस्ती में सह विभाग शारीरिक शिक्षण प्रमुख योगेश्वर चौहान ने संघ स्थापना की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए सभी स्वयंसेवकों को इस शताब्दी वर्ष में होने वाले सातों कार्यक्रमों में तन्मयता से लगने का आग्रह किया, साथ ही वर्तमान में समाज के समक्ष उपस्थित चुनौतियों से भी अवगत कराया। इस अवसर पर प्रांत संपर्क प्रमुख अनिल वर्मा, प्रांत समाजिक सदभाव प्रमुख रमेश उपाध्यक्ष, जिला संघ चालक डॉ० यतीन्द्र नाग्यान, विभाग प्रचार प्रमुख अनिल गुप्ता, जिला व्यवस्था प्रमुख मुनेश, जिला प्रचार प्रमुख देवेश वशिष्ठ, जिला सामाजिक सदभाव प्रमुख अमित शर्मा, जिला प्रचारक जगदीप उत्तराखंडी, नगर प्रचारक शुभम, नगर कार्यवाह डॉ. अनुराग वत्स, सह कार्यवाह अभिषेक जमदग्नि व बलदेव रावत, बौधिक प्रमुख भूपेंद्र रावत, शारीरिक शिक्षण प्रमुख उमेश, प्रचार प्रमुख अमित शर्मा आदि मुख्य रूप से शामिल रहे।

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