हरिद्वार

वासंती उल्लास के साथ शांतिकुंज के साधकों ने निकाली भव्य प्रभातफेरी

रवि चौहान हरिद्वार संवाददाता

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(रवि चौहान) हरिद्वार। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में दो दिवसीय वंसत महापर्व का आज से शुभारंभ हो गया। प्रथम दिन भव्य प्रभातफेरी निकाली गयी। जिसमें सैकड़ों साधकों ने अपने आराध्य देव युगऋषि पं श्रीराम शर्मा आचार्य जी के दिव्य भारत बनाने के सपनों को पूरा करने के जयघोष के साथ भाग लिया। इससे पूर्व शांतिकुंज यज्ञशाला में २४ कुण्डीय गायत्री महायज्ञ ब्रह्मवादिनी बहिनों के संचालन में सम्पन्न हुआ। वसंत महापर्व की पूर्वसंध्या में अपने संदेश में देवसंस्कृति विवि के प्रतिकुलपति युवा आइकान डॉ चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि यह समय सौभाग्य को जगाने आया है, हमें केवल अवसर को पहचाना है और तदनुरूप जीवन में सकारात्मक दिशा की ओर अग्रसर होना है। सबल गुरु के सान्निध्य में उपासना, साधना और आराधना करनी है। युवा आइकान ने कहा कि हनुमान जी की शक्ति व संभावनाओं को जिस तरह जामवंत जी ने जगाया, इसी तरह हमारे आराध्यदेव ने जीवन में आमूलचूल परिवर्तन के लिए गायत्री महामंत्र को लेकर आये। प्रतिकुलपति डॉ पण्ड्या ने कहा कि गायत्री महामंत्र हमें आत्मबल प्रदान करता है और परमात्मा से जुड़ने की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि वे इस मंत्र के माध्यम से अपने भीतर की शक्तियों को जागृत करें और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए अपने प्रयासों को बढ़ाएं। डॉ. पण्ड्या ने कहा कि वसंत ऋतु का यह समय जीवन में नए उत्साह और ऊर्जा को लाने का है और हमें इसका उपयोग अपने आत्मिक और सामाजिक उन्नति के लिए करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वसंत महापर्व से हम अपने भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने के साथ-साथ सामाजिक और धार्मिक कर्तव्यों को भी निभाने की प्रेरणा प्राप्त कर सकते हैं। शांतिकुंज व्यवस्थापक श्री योगेन्द्र गिरी ने वसंत महापर्व की आध्यात्मिक व सामजिक महत्त्व पर प्रकाश डाला। प्रो प्रमोद भटनागर ने पूज्य गुरुदेव के बहुआयामी व्यक्तित्व पर विस्तृत जानकारी दी। शांतिकुंज व्यवस्थापक श्री गिरी जी ने बताया कि युगऋषि पूज्य पं श्रीराम शर्मा आचार्य जी की आध्यात्मिक जन्मदिवस व वसंतोत्सव का मुख्य कार्यक्रम 02 फरवरी को होगा। वसंत पंचमी के अवसर प्रातःकालीन सभा में गायत्री परिवार के प्रमुखद्वय श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या जी एवं श्रद्धेया शैलदीदी गायत्री महामंत्र की दीक्षा देंगे, तो वहीं विभिन्न संस्कार भी निःशुल्क सम्पन्न कराये जायेंगे।

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