हरिद्वार

शांतिकुंज में तीन दिवसीय राष्ट्र रक्षा आपदा प्रबंधन शिविर सम्पन्न

चिराग कुमार हरिद्वार संवाददाता

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(चिराग कुमार) हरिद्वार। गायत्री परिवार जन मानस में वैचारिक क्रांति के साथ साथ आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहा है। विगत कई दशकों से गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण होता रहा है और प्राकृतिक आपदाओं में सेवा के लिए भी स्वयंसेवकों को भेजा जाता है। अभी हाल ही में उत्तरकाशी व चमोली जनपद में आई विपदा में शांतिकुंज ने प्रशिक्षण प्राप्त अपना राहत दल भेजा था। प्रशिक्षण के इसी क्रम में एक बार पुन: तीन दिवसीय राष्ट्र रक्षा आपदा प्रबंधन शिविर का आयोजन हुआ। इस शिविर में सुल्तानपुर (उत्तर प्रदेश) से आए युग शिल्पी प्रशिक्षण शिविर के कुल 200 प्रतिभागियों ने सहभागिता की। तीन दिन चले इस प्रशिक्षण के दौरान उन्हें आपदा की विभिन्न अवस्थाएँ, प्राथमिक चिकित्सा के आवश्यक नियम एवं तकनीक, राहत एवं बचाव कार्यों में स्वयंसेवकों की भूमिका, फायर फाइटिंग, आग एवं विस्फोटक से निपटने के उपाय, अनुशासन और नेतृत्व क्षमता का विकास, मॉकड्रिल, पायनियरिंग, गांठें एवं बंधन संबंधी व्यावहारिक प्रशिक्षण दिये गये। पुलिस व सेना के उच्चाधिकारियों सहित आपदा प्रबंधन से उच्च प्रशिक्षित लोगों द्वारा यह प्रशिक्षण दिया गया। शिविर के समापन अवसर पर देसंविवि के प्रतिकुलपति युवा आइकॉन डॉ. चिन्मय पंड्या ने प्रतिभागियों का मार्गदर्शन दिया और उन्हें राष्ट्र रक्षा, आपदा प्रबंधन एवं सामाजिक पुनर्निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि आज देश को ऐसे युवाओं की आवश्यकता है, जो संकट के समय संबल बन सकें। व्यवस्थापक श्री योगेन्द्र गिरि ने राष्ट्र सेवा के लिए युवाओं की भूमिका पर विस्तृत जानकारी दी और उन्हें एक जागरूक नागरिक की तरह सजग, समर्थ और सेवाभावी बनने का संदेश दिया। शिविर समन्वयक मंगल सिंह गढ़वाल ने बताया कि शिविर में दो सौ प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रतिभागियों को आपदा प्रबंधन की व्यवहारिक जानकारी दी गयी और उन्हें राष्ट्र सेवा के लिए संकल्पित कराया गया। उन्होंने बताया कि डॉ गिरीश गुप्ता, अजय त्रिपाठी, इंद्रजीत सिंह आदि ने भी अलग अलग सत्रों में प्रशिक्षण दिया।

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