पंचलेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों की असीम आस्था
श्री कृष्ण व पांडव की तपस्थली रहा है पंचलेश्वर महादेव मंदिर, श्रावण शिवरात्रि में हजारों की संख्या में उमडती है भक्तो भीड़
हरिद्वार की गूंज (24*7)
(फिरोज अहमद) लक्सर। लक्सर में एक ऐसी जगह है जिसे पंचलेश्वर के नाम से जाना जाता है इसके बारे में कई कहानियां प्रचलित है। कहा जाता है कि इस जगह अज्ञातवास के दौरान पांडव ने एक मंदिर का निर्माण किया था, जिसे पंचलेश्वर महादेव मंदिर का नाम दिया गया। पांडव ने यहां तपस्या की यह भी कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण ने भी यहां तप किया और गाय चराने का काम भी किया यह भी कहा जाता है कि पांडवों के पूर्वज महाराज शांतनु के दो बेटों ने इस जगह पर आत्म दाह कर अपने प्राण त्यागे थे यहां के बारे में कहानी यह भी प्रचलित है पूरे भारतवर्ष में पश्चिम की ओर बहने वाली गंगा केवल यहीं पर स्थित है जिसमें स्नान करने से लोगों के इस जन्म के तो क्या पूर्व जन्म के पाप भी नष्ट हो जाते हैं, मान्यता चाहे जो भी हो मगर महादेव के इस मंदिर में लोगों की आज भी असीम आस्था है यह वही जगह है जहां भगवान श्री कृष्ण ने पीपल के पांच वृक्षो के नीचे बैठकर कई वर्षों तक किया था। इस मंदिर में पूजा अर्चना करते समय पांच तरह की ध्वनि सुनाई देती हैं जो भक्तों की आस्था और भी बढ़ा देती हैं लोग इस मंदिर में अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए भगवान महादेव के दर्शन करने आते हैं और भगवान महादेव से अपनी मन्नतें मांगते हैं जिन्हें भगवान महादेव पूरा करते हैं।