देहरादून

बाहरी राज्यों की अवैध रूप से प्राईवेट बसों के संचालन से उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों को हो रहा बड़ा नुकसान

चर्चा: नेपाल बार्डर बनबसा चकरपुर से सरेआम नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए चल रही बसें

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(राजेश कुमार) देहरादून। उत्तराखंड में पिछले काफी समय से सरकार को ठेंगा दिखाते हुए अवैध रूप से प्राईवेट बसों का संचालन किया जा रहा है। देवभूमि उत्तराखंड पर्यटक स्थल होने के साथ ही तीर्थ नगरी में देश भर से भारी संख्या में पर्यटन श्रद्धालुओं का आना जाना रहता है। भारत से सटा नेपाल बार्डर बनबसा टनकपुर से नेपाल से हज़ारों लोग भारत के बाहरी राज्यों में नौकरी, रोज़गार के लिए आते जाते रहते हैं। वहीं चर्चा है कि नेपाल से काफ़ी संख्या में लोग अपने रोज़गार नौकरी के लिए बेंगलूर तक जाते रहते हैं। भारत की सीमा से सटे नेपाल बार्डर बनबसा चकरपुर से बेंगलूर तक जाने वाले यात्री प्राईवेट बसों से आना जाना करते हैं। जिसमें नेपाल के ट्रेवल्स एजेन्सी संचालक द्वारा सरेआम नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए परिवहन विभाग को चकमा देकर नेपाल बार्डर बनबसा चकरपुर से बेंगलूर तक क्षमता से अधिक सवारियों को प्राईवेट बसों से लंबा सफर करवा रहे हैं। जबकि पूर्व में ऊधम सिंह नगर परिवहन विभाग की टीम द्वारा कर्नाटक नम्बर की प्राईवेट बस जो कि बिना परमिट से संचालित पाए जाने पर सीज कर कार्यवाही की गई थी। उसके बावजूद ट्रेवल्स एजेन्सी संचालकों के हौसले इतने बुलंद होते जा रहे हैं कि बिना किसी नियमों से सवारियों की जान को जोख़िम में डालते हुए अपनी जेब भरने में लगे हैं। लेकिन ऊधम सिंह परिवहन विभाग टीम द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पा रही। वहीं चर्चा बनी हुई है कि आख़िर किसकी मिलीभगत से नेपाल के ट्रेवल्स एजेन्सी संचालकों द्वारा नियमों को ताक पर रखकर बसों का संचालन किया जा रहा है। वहीं नेपाल बार्डर बनबसा टनकपुर से अवैध रूप से बसों के संचालन से उत्तराखंड परिवहन निगम को भी बड़ा नुकसान हो रहा है। लेकिन उत्तराखंड परिवहन विभाग द्वारा अवैध रूप से संचालित बसों पर अंकुश नहीं लगाए जाने से ट्रेवल्स एजेन्सी संचालकों के हौसले बुलंद हो रहे हैं। वहीं चर्चा है कि आख़िर परिवहन विभाग द्वारा ऐसे वाहन चालकों के विरुद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही।

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