Video: मशरूम की खेती के माध्यम से उत्तराखंड में रोका जाएगा पलायन
राजेश कुमार देहरादून प्रभारी
हरिद्वार की गूंज (24*7)
(राजेश कुमार) देहरादून। उत्तराखंड में राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार अब मशरूम की खेती के माध्यम से पहाड़ों में पलायन को रोकने का काम करेगी, और इससे रोजगार भी मिलेगा। वहीं हरिद्वार जनपद के बुग्गावाला में एमबी फूड्स द्वारा विकसित ‘मशरूम ग्राम’ का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह उत्तराखंड का पहला मशरूम गांव है, यह पहल किसानों की आय बढ़ाने, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने और कृषि क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्री ने एमबी फूड्स की टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि मशरूम उत्पादन कम भूमि, कम जल और कम समय में अधिक लाभ देने वाला प्रभावी उद्यम है, जिससे किसान अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना के माध्यम से स्थानीय युवाओं और महिलाओं को स्वरोज़गार के नए अवसर प्राप्त होंगे तथा स्वयं सहायता समूहों को भी आर्थिक मजबूती मिलेगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि मशरूम ग्राम मॉडल राज्य के अन्य क्षेत्रों के लिए भी प्रेरणास्रोत बनेगा और कृषि आधारित उद्यमिता को नई दिशा प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गेहूं खरीद पर प्रति क्विंटल 20 रुपये का बोनस, गन्ने के दामों में 30 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि, नई सेब नीति, कीवी नीति, स्टेट मिलेट मिशन और ड्रैगन फ्रूट नीति जैसी योजनाएं राज्य में कृषि और बागवानी को नई ऊंचाइयों तक ले जा रही हैं। इसके साथ ही महक क्रांति के माध्यम से सुगंध फसलों की खेती को बढ़ावा देकर हजारों किसानों को प्रत्यक्ष लाभ पहुंचाया जा रहा है।
इस अवसर पर उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड के सभी जिलों में मशरूम ग्राम की स्थापना की जाएगी।
मशरूम ग्राम के परिकल्पना करने वाले एमबी फूड्स के संचालक और अध्यक्ष मनमोहन भारद्वाज ने कहा कि उत्तराखंड का पहला मशरूम गांव बुग्गा वाला में बना है। मशरूम की खेती के माध्यम से उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों को रोजगार दिया जाएगा और लोगों को पलायन भी नहीं करना पड़ेगा और कम खर्चे में अधिक लाभ वाली खेती का फायदा पर्वतीय क्षेत्रों में मिलेगा।











