आयुर्वेद दिवस पर ऋषिकुल में गूंजे परंपरा और आधुनिकता के स्वर
चिराग कुमार हरिद्वार संवाददाता
हरिद्वार की गूंज (24*7)
(चिराग कुमार) हरिद्वार। ऋषिकुल राजकीय आयुर्वैदिक फार्मेसी में रविवार को आयुर्वेद दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का संचालन जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी और अधीक्षक के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। अध्यक्षता अधीक्षक डॉ. अशोक तिवारी और उप जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. अतुल नेगी ने की। मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. (डॉ.) अजय कुमार गुप्ता, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एवं विभागाध्यक्ष (शल्य), ऋषिकुल परिसर उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि डॉ. अवनीश उपाध्याय, अध्यक्ष जिला आयुर्वेदिक संघ तथा अति विशिष्ट अतिथि श्री अग्रवाल, संचालक साईं वेदा वैलनेस मौजूद रहे।
डॉ. अवनीश उपाध्याय ने कहा कि आयुर्वेद केवल इतिहास नहीं है, बल्कि एक जीवंत परंपरा है जो समय के साथ विकसित होती रही है। वैदिक काल की ऋचाओं से लेकर आधुनिक औषध निर्माण तक इसकी यात्रा सतत जारी है। उन्होंने चरक, सुश्रुत और रसशास्त्र परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि आयुर्वेद आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना हजारों वर्ष पूर्व था।
डॉ. अजय गुप्ता ने कहा कि वर्तमान समय की अधिकतर बीमारियाँ जीवनशैली आधारित हैं। आयुर्वेद के सिद्धांत बताते हैं कि संतुलित आहार और दिनचर्या से मधुमेह, उच्च रक्तचाप और मोटापे जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है।
अध्यक्ष डॉ. अशोक तिवारी ने कहा कि हमारी संहिताएँ प्रमाणिक और प्रासंगिक हैं। इनमें रोगों के निदान और उपचार के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय भी बताए गए हैं। उन्होंने कुटी प्राविधिक चिकित्सा को आज के समय में भी उपयोगी बताया।।इस अवसर पर डॉ. अतुल नेगी ने आयुर्वेद आधारित पेय व स्नैक्स को कार्यक्रमों का हिस्सा बनाने का सुझाव दिया। डॉ. घनेन्द्र वशिष्ठ ने रामचरितमानस में वर्णित चिकित्सा पद्धतियों की चर्चा की। संचालन डॉ. मनीषा चौहान ने किया।
कार्यक्रम में डॉ. प्रदीप कुमार, डॉ. विक्रम रावत, डॉ. नवीन कुमार दास, डॉ. भास्कर आनंद, डॉ. विकास दुबे, डॉ. विश्वजीत मांझी, डॉ. मनीष गुप्ता, डॉ. अश्वनी कौशिक, डॉ. वीरेंद्र रावत, डॉ. रेनू सिंह, डॉ. सुजाता, डॉ. दीक्षा शर्मा, डॉ. सोरमी, डॉ. सुष्मिता, डॉ. करुणा नेगी, प्रबंधक डॉ. दीपिका वर्मा तथा ऋषिकुल परिसर के स्नातकोत्तर विभाग के छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।











