हरिद्वार

कब लगेगी चाइनीज मांझे पर रोक, क्या ज्ञापन के बाद ही चलेगा अभियान

चर्चा: चाइनीज मांझे का खौफ, टू व्हीलर वाहन चालकों में दहशत

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(रजत चौहान) हरिद्वार। एक समय था जब बसंत पंचमी आते ही लोगों में उत्साह दिखाई देता था, पतंग उड़ाने के लिए लोग सुबह ही अपनी अपनी छातों पर पहुंच जाते थे, पर अब वक्त बहुत बदल गया है। पहले बसंत पंचमी पर पतंग उड़ाने के लिए सादी और सादे मांझे का इस्तेमाल होता था, ना किसी के घायल होने की सूचना मिलती थी और ना ही किसी के मृत्यु होने की सूचना मिलती थी, जैसे-जैसे समय बदलता रहा वैसे-वैसे चाइनीज मांझे का आगमन हो गया और चाइनीज मांझे का कारोबार धडल्ले से फल फूल रहा है, जिस पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रशासन हमेशा फेल नजर आ रहा है, जो शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है।

वही बसंत पंचमी आते ही चाइनीज मांझे की बिक्री शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में धड़ल्ले से शुरू हो जाती है, जो प्रशासन के लिए एक चुनौती के साथ साथ प्रशासन द्वारा लगातार अभियान तो चलाए जा रहे हैं, उसके बावजूद भी चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध लगाना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। जिसको लेकर कई सामाजिक संगठनों द्वारा प्रशासन को चाइनीज मांझे और दुकानदारों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने के लिए ज्ञापन भी सौंपे जाते है, सवाल यह उठता है कि हर साल चाइनीज मांझे के खिलाफ प्रशासन द्वारा अभियान चलाया जाता है, उसके बावजूद भी प्रशासन के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए दुकानों पर चाइनीज मांझे की बिक्री जोरों पर चलती है, जो लोगों के लिए जान की आफत बनती रही है।

शहर में चर्चा है कि कई बार देखा गया है कि इस चाइनीज मांझे से कई लोग घायल तो हुए हैं, साथ में कई घरों के चिराग भी बुझ चुके हैं। अब देखना यह होगा कि क्या प्रशासन द्वारा चाइनीज मांझे पर लगाम कसने में कामयाब होता है या नहीं यह तो अब आने वाला वक्त ही बताएगा। साथ ही चाइनीज मांझा इतना खतरनाक हो चुका है कि सड़कों पर टू व्हीलर चलाने वालों में दहशत का माहौल बना रहता है, कई बार टू व्हीलर के आगे चाइनीज मांझा आने से कई वाहन चालक घायल भी हुए हैं, उसके बावजूद भी प्रशासन द्वारा समय रहते दुकानदारों के खिलाफ बड़ी कार्यवाही नहीं की जाती है जो शहर में चर्चा का विषय बना होता है, आखिर कब तक इस चाईनीज मांझे से समाज को निजात मिल पाएगी।

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