हरिद्वार

वसुधैव कुटुंम्बकम् फाउंडेशन का महिला बैडमिंटन टूर्नामेंट

महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक कदम: गुंजन अरोड़ा

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(नीटू कुमार) हरिद्वार। वसुधैव कुटुंम्बकम् फाउंडेशन रजि. के द्वारा महिला बैडमिंटन टूर्नामेंट का कार्यक्रम किया गया जोकि एस के बैडमिंटन अकादमी शारदा नगर में हेड कोच सुमन कुमार और एनजीओ की गुंजन अरोरा के देख रेख में कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें एनजीओ की अध्यक्ष रेनू अरोड़ा के द्वारा दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम की शुरुआत की गई। गुंजन अरोड़ा द्वारा बताया गया कि जिसमें 32 महिलाओं के द्वारा रजिस्ट्रेशन कराये गये जोकि हमारे लिए बहुत गर्व की बात है। जिसमें महिलाओं की उम्र 16 साल अबोव रखी गई थी। जिसमें ज्यादातर घरेलू महिलाओं के द्वारा इस टूर्नामेंट में महिला खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा दिखाई गई। महिलाओं को खेलों में प्रोत्साहित करना है। और समाज में एक मजबूत स्थान दिलाने में मदद करना है। न केवल अपनी खेल क्षमता को दिखाने का मौका दिया गया बल्कि उन्हें समाज के एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया।

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हमारा मानना है कि महिला किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है और उन्हें समान अवसर मिलने पर वे उत्कर्ष प्रदर्शन कर सकती हैं इस तरह के आयोजन से महिलाओं को अपना टैलेंट दिखाने के लिए एक सपोर्ट और प्लेटफार्म मिलता है। इससे वे अपने कौशल को अच्छे से निखार सकती हैं और आगे बढ़ सकती हैं। 16 टीमों में बनाकर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। जिसके परिणाम स्वरूप, चौथी स्थिति रेनू सिंह और उषा बिष्ट, अनु अरोड़ा और कशिश मेहता, तीसरा स्थान सोनिया बजाज और नेहा धीमान, दूसरा स्थान, अनिता सिंह और दीपा तिवारी, प्रथम स्थान वैशाली तनेजा और हेमलता जी ने बाजी मारी। एनजीओ के अध्यक्ष रेनू अरोड़ा के द्वारा बताया गया कि महिलाओं को सपोर्ट्स के प्रति बढ़ावा देने के लिए हम उन्हें खेलों में जैसे विभिन्न क्षेत्रों में प्रोत्साहित करना होगा। एनजीओ के द्वारा यह एक टीमवर्क किया जाता है। इस टूर्नामेंट से महिलाओं को खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाता है जिससे महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ता है और खेलों में उनकी सक्रिय भूमिका निभा सकती हैं। और महिला सशक्तिकरण के लिए भी यह बहुत अति आवश्यक है। एनजीओ के माध्यम से बैडमिंटन ही नहीं बल्कि आने वाले समय में और भी स्पोर्ट्स जैसे बास्केटबॉल, क्रिकेट से संबंधित महिलाओं को आगे बढ़ाया जाएगा और उनकी क्षमता को दिखाने के लिए सभी को मौका भी मिलता रहेगा।

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