उत्तराखंड में कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने में पुलिस के उच्च अधिकारीयों व जनता के बीच जनसंवाद की आवश्यकता
प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारीयों तक जनपदों में चल रही कानून व्यवस्था की नहीं पहुंचती वास्तविक रिपोर्ट

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(राजेश कुमार) देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड में कानून व्यवस्था को लेकर प्रदेश पुलिस के वरिष्ठ अधिकारीयों को ही व्यवस्थाओं की जानकारी हेतु जनता के बीच पहुंच संवाद करना होगा। जिससे प्रदेश में बिगड़ रही कानून व्यवस्था में काफी हद तक सुधार देखने को मिलेगा। हालांकि उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक से लेकर अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रदेश के समस्त जिलों की हर दिन रिपोर्ट ली जाती है। लेकिन कई बार वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों तक सच से गुमराह कर अधिकारियों के समक्ष गलत रिपोर्ट पेश की जाती हैं। जिस कारण जमीनी स्तर पर अपराधिक मामले भी सामने आते हैं। देवभूमि उत्तराखंड में पिछले काफी समय अपराधिक मामलों की बड़ी खबरें सामने आ रही हैं। हालांकि उत्तराखंड पुलिस प्रशासन में कई ईमानदार अफसरों ने अपनी पूर्ण जिम्मेदारी एवं निष्ठा के साथ बड़े बड़े अपराधियों को सबक सिखाने में सफलता हासिल की है। जहां ऐसे जिम्मेदार एवं ईमानदार पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को उत्कृष्ट सेवा प्रदान करने पर सम्मान से भी नवाजा जाता है। पिछले काफी समय से देवभूमि उत्तराखंड में आए दिन फायरिंग, हत्याएं, डकैती, चोरी, अवैध नशे का कारोबार, देह व्यापार जैसी बड़ी खबरें आम बात होती जा रही है। जबकि एक समय में देवभूमि उत्तराखंड में शांति व्यवस्था देखी जाती थी। लेकिन आज उत्तराखंड में एक के बाद एक बड़े अपराधिक मामले सामने आ रहे हैं। जिस कारण प्रदेश की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठने लाज़मी हैं
कई बार प्रदेश भर से कई बड़े मामलों में पीड़ित न्याय की उम्मीद लिए देहरादून उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय में पहुंच उच्च अधिकारीयों के समक्ष मदद की गुहार लगाते देखे जाते हैं। जहां उच्च अधिकारीयों द्वारा पीड़ित की समस्या को गंभीरता से लेते हुए न्याय दिलाने का प्रयास किया जाता है। जबकि खाकी वर्दी में पुलिस द्वारा अपने फ़र्ज़ को ध्यान में रखते हुए आम जनता की सुरक्षा करने की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जाती है। जहां जनता पुलिस पर भरोसा कर सुरक्षित मानती है। लेकिन आज उत्तराखण्ड की जनता में कहीं न कहीं एक भय बना हुआ है। कई बार किसी भी मामले में पीड़ित स्थानीय पुलिस थाने में पहुंच अपनी समस्या से अवगत कराते हुए मदद की मांग करते हैं। तो शायद कई बार पीड़ितो की समस्या को नज़र अंदाज किया जाना भी बड़े अपराध का कारण बन जाता है। जबकि उत्तराखंड मित्र पुलिस को हर पीड़ित की समस्या को गंभीरता से सुनते हुए निष्पक्ष जांच कर मदद दिलाए जाने के प्रयास किए जाने चाहिए। जिससे देवभूमि उत्तराखंड की जनता का मित्र पुलिस के प्रति भरोसा भी कायम रहे। आज उत्तराखण्ड में अक्सर यह देखा जाता है कि किसी भी अपराधिक मामलों में पुलिस द्वारा की जा रही जांच में राजनीतिक लोगों का हस्तक्षेप कर अपराधियों को संरक्षण दिए जाने के प्रयास किए जाते हैं। या किसी जांच अधिकारी द्वारा मामले की जांच में गलत रिपोर्ट पेश कर सच्चाई को छुपा दिया जाता है। जिस कारण आपराधिक मामलों में लिप्त लोगों के हौसले इतने बुलंद हो जाते हैं कि भविष्य में किसी बड़े अपराध करने में कामयाब हो जाते हैं। हालांकि उत्तराखंड पुलिस में कई ऐसे ईमानदार पुलिस अधिकारी हैं जो बिना किसी दबाव में निष्पक्ष जांच कर अपराधियों पर कार्यवाही करते हुए पीड़ितों को न्याय दिलाने में सफलता प्राप्त कर अपना फ़र्ज़ निभा रहे हैं। यदि उत्तराखंड पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा समय समय पर प्रदेश की जनता से रूबरू होते हुए जनसंवाद कार्यक्रम किए जाएं तो संभवतः भविष्य में अपराधिक मामलों में सुधार देखने को मिलेगा। वहीं आम जनता भी खुद को सुरक्षित महसूस कर पाएगी तो वहीं उत्तराखंड मित्र पुलिस के प्रति भरोसा भी कायम रहेगा।