साधारण आदमी के जीवन को बेहतर बनाने के लिए हो शोध का उपयोग: शिवकुमार चौहान
कुलदीप राय उत्तराखंड प्रभारी
हरिद्वार की गूंज (24*7)
(कुलदीप राय) हरिद्वार। जन-सामान्य के जीवन को कैसे बेहतर से ओर बेहतर बनाया जा सकता है। इसके लिए ओर अधिक शोध की आवश्यकता है। आम आदमी के जीवन स्तर को उठाने की दिशा मे किया गया शोध कार्य अधिक मूल्यपरक एवं सार्थकता होता है। गुरूकुल कांगडी समविश्वविद्यालय के एसोशियेट प्रोफेसर डॉ० शिवकुमार चौहान ने यह विचार वैज्ञानिक आवश्यकता एवं मानव जीवन विषय पर आधारित कार्यशाला के 5 जनवरी के उदघाटन सत्र मे आमंत्रित व्याख्यान के अवसर पर व्यक्त किये। ऑन-लाईन माध्यम से अभयुदय नामक संस्था द्वारा सहारनपुर मे आयोजित कार्यशाला मे डॉ० चौहान वक्ता के रूप मे बोल रहे थे। उन्होन कहॉ कि कोरोना महामारी ने व्यक्ति को आत्म निर्भरता एवं शोध के महत्व को बता दिया है। महामारी के दौरान एक सामान्य व्यक्ति भी देश के शोध कर्त्ताओं तथा वैज्ञानिकों को टकटकी लगाये देख रहा था कि जल्द से जल्द महामारी से बचाव के लिए स्वदेश निर्मित टीका आये। दुनिया के देश भी भारत के आत्म-निर्भरता एवं स्वदेशी के मूल-मंत्र का लोहा मान गये। आज देश के भीतर हो रहे शोधकार्यो को जमीनी स्तर से जोडकर चलने की जरूरत है। जिससे एक सामान्य व्यक्ति के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में बैज्ञानिक लाभ प्राप्त हो सके। कार्यक्रम मे वैज्ञानिक विषयों के अनेक जानकार एवं शिक्षा विद्वान उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रो० रजनीश कुमार द्वारा किया गया। इस अवसर पर संस्था अध्यक्ष डॉ० रविकान्त मिश्रा, महामंत्री मनोज शर्मा, रितु पाण्डेय, शालिनी सिंह, प्रियंका मेहता तथा राजकिशोर चौहान आदि उपस्थित रहे।