मकर संक्रांति का एक अपना अध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व: रेखा नेगी
यतेंद्र कुमार हरिद्वार सवांददाता
हरिद्वार की गूंज (24*7)
(यतेंद्र कुमार) हरिद्वार। मानव अधिकार संरक्षण समिति के राष्ट्रीय मंत्री (मीडिया प्रभारी) हेमन्त सिंह नेगी ने अपने परिवार सहित मकर संक्रांति के अवसर पर पतंग बाजी का लुफ्त उठाया। उन्होंने कहा सभी मान्यताओं के अलावा मकर संक्रांति पर्व एक उत्साह और भी जुड़ा है। इस दिन पतंग उड़ाने का भी विशेष महत्व होता है। लोग बेहद आनंद और उल्लास के साथ पतंगबाजी करते हैं। उन्होंने कहा आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में कई जगहों पर इसका महत्व कम होता जा रहा है। पतंगबाजी के समय मांझे की डोर से आकाश में उड़ रहे पक्षियों की असामायिक मौत हो जाती है, यह ध्यान देने योग बात है तथा घरों की छतों पर पतंग उड़ाते समय हमें खुद का और सभी का ध्यान रखना चाहिए ताकि हर परेशानी से बचा जा सकें। मानव अधिकार संरक्षण समिति की कनखल नगर अध्यक्षा रेखा नेगी ने कहा कि मकर संक्रांति का एक अपना आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। देश भर में लोग पूरे उत्साह और जोश के साथ इस त्योंहार को मनाते है। यह हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है जिसका उद्देश्य आपसी भाईचारा, एकता, और खुशियों को बांटना हैं। इस दिन अन्य धर्मों के लोग भी पतंगबाजी में अपना हाथ आजमाते है और आनंद लेते है। गरीबों, जरूरतमंदों और संतो को दान के रूप में अन्न और पैसे देकर उनके साथ अपनी खुशियां बांटते है, ताकी चारों और बस खुशियाँ ही रहें। उन्होंने कहा मकर संक्रांति को स्नान और दान का पर्व भी कहा जाता है। इस दिन तीर्थों एवं पवित्र नदियों में स्नान का बेहद महत्व है साथ ही तिल, गुड़, खिचड़ी, फल एवं राशि अनुसार दान करने पर पुण्य की प्राप्ति होती है। ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन किए गए दान से सूर्य देवता प्रसन्न होते हैं।