वीर बाल दिवस है सनातक संस्कृति की संघर्ष क्षमता का परिचायक: श्रीमहन्त रविन्द्र पुरी
वीर बाल दिवस पर आयोजित की गयी बौद्धिक गोष्ठी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम
हरिद्वार की गूंज (24*7)
(गगन शर्मा) हरिद्वार। एसएमजेएन पीजी काॅलेज में आज आन्तरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ द्वारा 10 वें सिक्ख गुरू गोविन्द सिंह जी के 04 वीर सुपुत्रों की शहादत की याद में माननीय प्रधानमंत्री द्वारा दिनांक 26 दिसम्बर, 2023 को प्रतिवर्ष वीर बाल दिवस मनाये जाने की घोषणा की गयी थी, उसी के तहत आज महाविद्यालय मे वीर बाल दिवस पर उनके संघर्ष, त्याग, वीरता एवं बलिदान पर महाविद्यालय स्तर पर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर श्रीमहन्त रविन्द्र पुरी महाराज अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद व काॅलेज प्रबन्ध समिति ने अपने सम्बोधन में महाविद्यालय प्रशासन को साधुवाद ज्ञापित किया और कहा कि वीर बाल दिवस को सनातन संस्कृति की प्रतिरोधक क्षमता के रूप में देखा जाना चाहिए। मुख्य वक्ता के रूप में पलजिन्दर सिंह, निर्मल संतपुरा ने अपने सम्बोधन में कहा कि वीर बाल दिवस वास्तव में आक्रमणकारियों, आतताइयों के विरूद्ध गुरू गोविन्द सिंह और उनके चार वीर सुपुत्रों के संघर्ष को दिखाता है और जोकि सच्चे अर्थों में सनातन संस्कृति के मजबूत आधार का परिचायक है। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को इतिहास की सही समझ होनी चाहिए ताकि आगे आने वाले समय में वह ऐसी विचारधाराओं और व्यक्तियों से सतर्क रह सके, जिनसे कि उनके समाज व संस्कृति को व्यापक रूप से खतरा है। उन्होंने वाहे गुरू जी का खालसा और वाहे गुरू जी की फतेह, के मंत्र के उच्चारण के साथ अपना सम्बोधन श्रोत्राओं के सम्मुख रखा।
इस अवसर पर महामण्डलेश्वर परम पूज्य प्रबोधानंद गिरि जी महाराज ने चमकोर के युद्ध 1704 एवं फतेह सिंह और जोरावर सिंह के बलिदान सन 1705 के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ऐसा युद्ध विश्व के इतिहास में कभी देखने को नहीं मिलता जबकि 40 सिक्ख योद्धाओं ने अपने पराक्रम के बल पर दस लाख से अधिक की मुगल फौज को मात दी। महामण्डलेश्वर परम पूज्य रूपेन्द्र प्रकाश जी महाराज ने कहा कि धर्मरक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले गुरु गोविंद सिंह जी के वीर साहिबजादो बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह को उनके बलिदान दिवस पर नमन किया। उन्होंने कहा कि वीर साहिबजादो का सर्वोच्च बलिदान मातृभूमि और स्वधर्म की रक्षा के लिए हम सभी को सदैव प्रेरणा प्रदान करता रहेगा। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने वीर बाल दिवस पर सम्बोधित करते हुए कहा कि महाविद्यालय युवा मस्तिष्कों में इतिहास बोध उत्पन्न करने के लिए समय समय पर ऐसे कार्यक्रम कराता रहेगा। उन्होने सरदार उधम सिंह की जयंती पर उन को नमन करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि देश आज पहला वीर बाल दिवस मना रहा है। यह राष्ट्र के लिए एक नई शुरुआत का दिन है। जब हम सभी अतीत में दिए गए बलिदानों के लिए अपने सर झुकाने के लिए नतमस्तक हैं। यह दिवस अनंत प्रेरणा का स्रोत है। वीर बाल दिवस हमें देश के सम्मान की रक्षा के लिए 10 सिख गुरुओं के महान योगदान और सिख परंपरा के बलिदान को स्मरण कराता रहेगा। इस अवसर पर अनिल कुमार शर्मा, डॉ सजंय कुमार माहेश्वरी कार्यक्रम संयोजक, राजनीति विज्ञान अध्यक्ष विनय थपलियाल, डाॅ. मोना शर्मा, डाॅ. विनीता चौहान, दिव्यांश शर्मा, डाॅ. मिनाक्षी शर्मा, डाॅ. सरोज शर्मा, डाॅ. आशा शर्मा, डाॅ. लता शर्मा, डाॅ. विजय शर्मा सहित काॅलेज के कार्यालय अधीक्षक मोहन चन्द्र पाण्डेय, डाॅ. मनोज कुमार सोही मनोज मलिक, रंजीता आदि उपस्थित रहे।