हरिद्वार

उत्सव-25 के अंतिम दिन सांस्कृतिक रंग में रंगा देसंविवि

राजेश कुमार हरिद्वार संवाददाता

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(राजेश कुमार) हरिद्वार। देव संस्कृति विश्वविद्यालय में चल रहे उत्सव-25 के अंतिम दिन विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। इसमें छात्र छात्राओं ने एकल नृत्य, समूह नृत्य, शास्त्रीय गायन, वादन आदि में अपना कौशल दिखाया। तो वहीं कबड्डी, बैडमिंटन सहित एथेलिटिक्स में अपनी क्षमताओं का दमखम दिखाया। कई मैचों में कांटे की टक्कर रही, जिसमें रेफरी को काफी मेहनत करनी पड़ी।
सांस्कृतिक विभाग के डॉ शिवनारायण प्रसाद ने बताया कि शंख, ढपली, तबला, समूह गायन, एकल -समूह नृत्य, नुक्कड नाटक, रंगोली, मेंहदी, भाषण, चित्रकला, स्वरचित कविता, एकल शास्त्रीय गायन आदि में हर्ष शर्मा, प्रगति साहू, लक्ष्मी ग्रुप, वैशाली, कनिका, दुर्गा वर्मा, आनंद स्वरूप, यशस्वी पाण्डेय, आदित्य प्रकाश आदि ने अपनी अपनी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
डॉ शिवनारायण ने बताया कि नुक्कड़ नाटक के माध्यम से छात्रों ने समाज में अशिक्षा और दुर्व्यसनों के प्रति जागरूकता फैलाई और लोगों को इससे बचने के लिए प्रेरित किया। वहीं, शास्त्रीय गायन में आदित्य प्रकाश ने अपनी आवाज से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
उत्सव-25 में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को विवि प्रशासन द्वारा आगामी दिनों में सम्मान समारोह किया जायेगा।
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अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि मंडल पहुंचा देसंविवि, युवा आइकान से आध्यात्मिक व सांस्कृतिक विषयों पर हुई चर्चा
हरिद्वार। आध्यात्मिक नेता प्रेम बाबा के नेतृत्व में ब्राजील, अर्जेंटीना, आयरलैंड, इटली और स्पेन से 70 सदस्यीय अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार पहुँचा। प्रतिनिधिमंडल की यात्रा का उद्देश्य वैश्विक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान एवं सार्वभौमिक सद्भाव की खोज में विविध परंपराओं को एकजुट करना है। अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि मंडल ने देवसंस्कृति विवि के गौशाला, स्वावलंबन कार्यशाला, स्मृति उपवन सहित विभिन्न प्रकल्पों का अध्ययन किया एवं प्रज्ञेश्वर महादेव में पूजा अर्चना की और सांस्कृतिक विरासत को विस्तारित करने हेतु प्रार्थना की।
प्रतिनिधि मण्डल ने देसंविवि के प्रतिकुलपति युवा आइकान डॉ चिन्मय पण्ड्या से भेंट की और आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक विषयों पर विस्तृत चर्चा की। इस दौरान युवा आइकान ने युगऋषि पं श्रीराम शर्मा आचार्य जी की कालातीत शिक्षाओं को साझा किया। उन्होंने कहा कि परम पूज्य आचार्यश्री ने अपनी आध्यात्मिक, सांस्कृतिक विचारों को जन-जन में सुलभ बनाने के उद्देश्य से सरलतम उपाय बताया है, जो समाज के सभी वर्ग के लिए उत्तम है। युवा आइकान ने कहा कि परम पूज्य आचार्यश्री ने अपनी शिक्षाओं के माध्यम से समाज में जागरूकता और शांति फैलाने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। इस दौरान युवा आइकान ने प्रतिनिधि मण्डल को प्रतीक चिह्न, युग साहित्य आदि भेंटकर सम्मानित किया। प्रतिनिधि मण्डल ने विवि द्वारा समाज में सकारात्मक बदलाव लाने तथा प्रेम, शांति और आंतरिक परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयास की सराहना की। इस यात्रा का उद्देश्य सभी देशों के बीच सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आदान-प्रदान को बढ़ाने और अलग-अलग परंपराओं को एक-दूसरे तक पहुंचाने के लिए है। प्रसिद्ध प्रेम बाबा का समूह आध्यात्मिकता की शक्ति के माध्यम से व्यक्तियों और समाजों को सशक्त बनाने के देसंविवि से जुड़ा हुआ है।

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