देहरादून

थाना लक्ष्मणझूला: पौड़ी पुलिस ने वाहन दुर्घटना में गोल्डन आवर में बचाई पांच जिंदगियां

राजेश कुमार देहरादून प्रभारी

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(राजेश कुमार) पौड़ी। पुलिस कप्तान पौड़ी लोकेश्वर सिंह के निर्देशों के अनुरूप सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाने तथा क्विक रिस्पांस टीम को हर समय तैयारी में रहने की हिदायत दी गई है। बीते शाम लक्ष्मणझूला पुलिस को कंट्रोल रूम 112 से लगभग 07:28 बजे सूचना मिली कि नीलकंठ रोड पर पटना वॉटरफॉल के पास एक वेगनआर वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया है।

थानाध्यक्ष लक्ष्मणझूला संतोष पैथवाल ने तुरंत गरुड़ चट्टी चौकी की क्विक रिस्पांस टीम को मौके पर रवाना किया। दुर्घटनास्थल पर वाहन संख्या UP16–3392 लगभग 50 मीटर गहरी खाई में गिर गया था। पुलिस टीम ने तत्परता से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और वाहन में सवार सभी पांच लोगों (दो महिलाएं, दो बच्चे और चालक) को सुरक्षित मुख्य सड़क तक लाया। घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए लक्ष्मणझूला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने गंभीर रूप से घायल दो महिलाओं और एक बच्चे को एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया।

थानाध्यक्ष ने बताया कि चालक शिवम अग्रवाल अपने परिवार के साथ गाजियाबाद से नीलकंठ घूमने आए थे। रात अधिक होने के कारण वे वापस ऋषिकेश की ओर लौट रहे थे, लेकिन पटना वॉटरफॉल के पास वाहन का टायर फिसलने से गाड़ी अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई।

इस रेस्क्यू ऑपरेशन में दो बाइक सवार और एक इको वाहन चालक आनंद डोभाल (बड़कोट, उत्तरकाशी) ने गुड सेमरिटन के रूप में सहायता प्रदान की। थानाध्यक्ष ने सभी गुड सेमरिटन का आभार व्यक्त किया और लोगों से ऐसे ही मदद के लिए आगे आने की अपील की। गोल्डन आवर: दुर्घटना के तुरंत बाद का पहला घंटा “गोल्डन आवर” कहलाता है। इस दौरान पीड़ितों को तुरंत और उचित प्राथमिक उपचार देने से उनकी बचने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है और चोटों की गंभीरता कम हो जाती है।

गुड सेमरिटन (Good Samaritan): कोई भी व्यक्ति जो बिना किसी भुगतान या इनाम की अपेक्षा के, दुर्घटना या आपातकाल में घायल व्यक्ति की मदद करता है, उसे गुड सेमरिटन कहा जाता है। इस कानून के तहत ऐसे लोगों को कानूनी सुरक्षा भी दी जाती है। पुलिस टीम में अपर उप निरीक्षक सुरेंद्र सिंह, हेड कांस्टेबल देवेंद्र नेगी, कांस्टेबल निर्मल और होमगार्ड दीपक शामिल रहे।

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