हरिद्वार

हरिद्वार सिडकुल में मजदूरों की समस्या के समाधान के लिए निकाला व्यापक जुलूस

नीटू कुमार हरिद्वार जिला संवाददाता

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(नीटू कुमार) हरिद्वार। संयुक्त संघर्षशील ट्रेड यूनियन मोर्चा हरिद्वार ने सैकड़ों मजदूरों के साथ जुलूस निकालकर जिलाधिकारी कार्यालय पर 3 अक्तूबर को एक सभा कर
जिलाधिकारी हरिद्वार के माध्यम से एक ज्ञापन हरिद्वार के विभिन्न कारखानों सत्यम ऑटो कंपोनेंट, राजा उद्योग एवं एवरेडी इंडस्ट्रीज समेत सिडकुल के मजदूरों की समस्या के समाधान के लिए मुख्यमंत्री उत्तराखंड के नाम प्रेषित किया। हरिद्वार औद्योगिक क्षेत्र में लंबे समय से औद्योगिक विवाद विद्यमान है। जो शासन प्रशासन की घोर लापरवाही, शासन प्रशासन के मजदूर विरोधी एवं अमानवीय व्यवहार को दर्शाता है। संयुक्त संघर्षशील ट्रेड यूनियन मोर्चा समय-समय पर मजदूरों की न्यायोचित मांगों को शासन प्रशासन के समक्ष उठता रहा है तथा स्वतंत्र रूप से भी विभिन्न कंपनियों के मजदूर साथी शासन प्रशासन को लिखित एवं मौखिक रूप से न्याय की गुहार लगाते रहे हैं, ना तो श्रम विभाग और न जिला प्रशासन तथा सिडकुल के क्षेत्रीय प्रबंधक द्वारा कोई भी न्याय पूर्ण समाधान नहीं निकाला गया।

जानकारी देते हुए बताया की यहां आपको संयुक्त संघर्षशील ट्रेड मोर्चा यह भी अवगत कराना चाहता है कि उत्तराखंड राज्य निर्माण के दौरान उद्योगपतियों को टैक्स, बिजली एवं अन्य प्राकृतिक संसाधनों में दोहन की भारी छूट प्राप्त थी परंतु शासन प्रशासन की से घोर लापरवाही का ही कारण है कि आज कुछ उद्योग यहां पर मिले तमाम छूटों का लाभ उठाकर दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं। ऐसे उद्योगों को भी शासन प्रशासन श्रम विभाग द्वारा सह प्राप्त है। जबकि ये सभी उद्योग गैरकानूनी तालाबंदी किए हुए हैं। जिसका नतीजा यह है कि राज्य सरकार को मिलने वाले राजस्व को भी भारी नुकसान है।

जनाकारी के अनुसार सिडकुल से कई कंपनियां हेमा, एल्पस, लखानी, वीआईपी, बिक सैलो, ब्रह्मा ऑटो आदि कारखाने शासन प्रशासन के ढीले ढाले रवैये से न केवल बंद हो गई है। बल्कि इन कंपनियों में कार्य करने वाले स्थाई वह स्थाई हजारों श्रमिक बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं व रोजी-रोटी के लिए मोहताज हैं। जबकि शासन प्रशासन उचित कार्रवाई करके उचित मुआवजा दिलाने में नाकाम रहा है। वर्तमान समय में ऐसे ही तीन औद्योगिक विवाद विद्यमान है जो क्रमवार इस प्रकार है।

सत्यम कंपनी के 300 मजदूर जो अपनी नौकरी की बहाली के लिए 6 सालो से दर-दर की ठोकरें ‌खा रहें हैं ।सत्यम के प्रबन्धक वर्ग ने धोखेबाजी से वेतन वृद्धि समझौता तत्कालीन डीएलसी उमेश चन्द्र राय जो 2017 में एएलसी थे के सौजन्य से किया। उस एकतरफा वेतन वृद्धि समझौता को जबरदस्ती मजदूरों को कराने के लिए विवस किया जा रहा था।जिन मजदूरों ने इस तानाशाहीपूर्ण व्यवहार का‌ विरोध किया। उनका गेट बन्द कर निष्कासित कर दिया गया।।ये मजदूर विगत छ सालों से सड़क से लेकर न्यायालय तक में संघर्षरत है। इसके अलावा सत्यम कंपनी का प्रबंधक ठेके के मजदूरों से मशीनों का संचालन करवा रहा है जो की अवैधानिक है। 2017 से 2023 तक स्वयं सत्यम के मजदूरों द्वारा, सिडकुल की बड़ी-बड़ी ट्रेड यूनियनों द्वारा, सामाजिक संगठनों द्वारा एवं संयुक्त मोर्चे द्वारा श्रम विभाग को जिला प्रशासन को एवं शासन के स्तर पर श्रम सचिव, श्रम मंत्री, मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री आदि स्तरों पर पत्र व्यवहार से लगातार अवगत कराते रहे हैं।

राजा बिस्कुट के स्थायी मजदूर 17 सालों से कम्पनी में कार्य कर रहे थे। मालिक ने मजदूरों की गाड़ी कमाई से कई शहरों में नई कंपनियां लगायी व कोरोना काल में 36-36 घंटे मजदूरों से लगातार काम लिया गया उसके बाद भी घाटे का राग अलापकर मजदूरों को गुमराह किया जा रहा है। प्रबन्धक वर्ग ने 1 अगस्त 2022 से कम्पनी में ले ऑफ कर दिया और 2 फरवरी 2023 से अवैध गेटबंदी कर सारे मजदूरों को बाहर कर दिया । इसके खिलाफ राजा के मजदूर लगभग ढाई सौ दिनों से कंपनी गेट पर न्याय के लिए धरनारत हैं ।श्रम विभाग जिला प्रशासन और शासन स्तर पर दर्जनों बार पत्र व्यवहार करने के बावजूद कोई समाधान नहीं निकाला जा रहा है।

एवरेडी इण्डस्ट्रीज कम्पनी में एवरेडी मजदूर कमेटी द्वारा 28 जनवरी 2023 से वेतन वृद्धि समझौता का मांग पत्र कंपनी प्रबंधन को सौंपा गया। इसकी सूचना श्रम विभाग एवं जिलाधिकारी कार्यालय में दी गई लेकिन प्रबंधन वर्ग की हठ- धर्मिता के कारण 8 महीने से सम्मानजनक वेतन वृद्धि समझौता नहीं किया गया। 9 जून 2023 को प्रबंधक वर्ग द्वारा एकतरफा वेतन वृद्धि समझौता कर अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन का द्वारा प्रदत अधिकार का भी खुला उल्लंघन किया‌ गया है इसके अलावा कंपनी में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं होने के कारण समय-समय पर मजदूरों के साथ दुर्घटनाएं अंग-भंग जैसी घटनाएं हो रही है एवरेडी के मजदूर सम्मानजनक वेतन वृद्धि समझौता एवं कम्पनी में सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए संघर्षरत हैं। एवरेडी के मजदूरों द्वारा एवं संयुक्त मोर्चा हरिद्वार द्वारा अनेकों पत्रचार श्रम विभाग, जिला प्रशासन एवं शासन स्तर पर किए गए हैं उपरोक्त तीनों कम्पनियों के मजदूरों को कहीं से भी न्याय नहीं मिला।

महोदय इसके अलावा सिडकुल में अधिकांश कंपनियों में मॉडल स्टैंडिंग आर्डर का पालन नहीं किया जा रहा है। 20% से कम ही मजदूरों की स्थायी नियुक्तियां है। तथा 80 प्रतिशत से अधिक मजदूर ठेका प्रथा के तहत, ट्रेनी,नीम एफटीई व कैज्वल के रुप में अपमानजनक परिस्थितियों में काम करने को मजबूर हैं। अधिकांश कम्पनियों में गैरकानूनी तरीके से मशीनों का संचालन अस्थाई मजदूरों से करवाया जा रहा हैं इस बजह से एवं सुरक्षा उपकरणों के अभाव में आय दिन मजदूरों के अंग-भंग एवं अन्य दुर्घटनायें होती रहती हैं। कारखाना अधिक्षक देहरादून के औचक निरीक्षण न होने की बजह भी कारण बनती हैं।

सभी कम्पनियों के मजदूरों का ईएसआईसी में पैसा कटने के बावजूद, करोड़ों रुपए विभाग में जाने के बावजूद मजदूरों को हरिद्वार क्षेत्र के अच्छे अस्पतालों में इलाज नहीं मिल रहा है और आसपास के बड़े अस्पतालों में भी विभाग द्वारा पैसा भुगतान न करने के कारण कई अस्पतालों ने ईएसआईसी इलाज कराने से हाथ खींच लिए है जो कि मजदूरों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है। मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं को पास कर केंद्र सरकार ने पूंजीपतियों को मजदूरों को गुलाम बनाने का इंतजाम कर दिया है।

ज्ञापन में उपरोक्त तीन कम्पनियों (सत्यम ऑटो, राजा बिस्किट एवं एवरेडी इण्डस्ट्रीज) में चल रहे विवादों का तत्काल न्यायपूर्ण समाधान निकाल कर एवं सिडकुल के स्तर पर श्रम कानूनों का पालन कराकर मजदूरों को न्याय दिलाने की कृपा करें।

समाधान न होने पर‌ पूरे क्षेत्र में मजदूरों को आन्दोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा जिससे औद्योगिक अशांति उत्पन्न होगी। इसके लिए शासन-प्रशासन सम्पूर्ण रूप से जिम्मेदार होगा।

रैली में सत्यम के मजदूरों के परिवारों ने भी भागीदारी की
रैली में फूड्स श्रमिक यूनियन (ITC), के अध्यक्ष एवं मोर्चे के संयोजक गोविंद सिंह, देवभूमि श्रमिक संगठन (HUL) के अध्यक्ष रवींद्र कुमार , विप्रो मजदूर कमेटी के रामपाल सिंह, भेल मजदूर ट्रेड यूनियन के उपाध्यक्ष सत्यवीर सिंह, इंकलाबी मजदूर केन्द्र के पंकज कुमार, एवरेडी मजदूर यूनियन के अध्यक्ष अमित कुमार चौहान, कर्मचारी संघ सत्यम आटो के महिपाल सिंह, राजा बिस्किट मजदूर संगठन के प्रधान बृजेश कुमार, यूरो लाइफ मजदूर कमेटी के अमित कुमार, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की हरिद्वार प्रभारी नीता, अनीता, लता, डौली, कुन्तेश,सुधा, मिथलेश, समेत सैकड़ों मजदूर उपस्थित रहे।

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